इमरान खान का हटना तय, पाक का नया पीएम भी भारत से निभाएगा दुश्मनी: यशवंत सिन्हा

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि इमरान खान क्रिकेट के बाद राजनीति के मैदान में उतरे. पाकिस्तान की फौज का आशीर्वाद उन्हें मिला फिर वह पीएम बन गए. पीएम बनने के बाद उन्होंने कभी भारत और भारत के पीएम के लिए कोई अच्छा बात नहीं की. वो फौज कठपुतली थे.

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यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो) यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST
  • पाकिस्तान में 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर होगी वोटिंग
  • इमरान खान ने संख्या बल के आधार पर खो दिया बहुमत

पाकिस्तान में चल रही सत्ता की उठा-पटक अब अपने अंतिम दौर में आ गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होना है. बताया जा रहा है कि बहुमत खो चुके इमरान के पास अब पीएम पद छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. इस बीच पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने पाकिस्तान में चल रहे पूरे घटनाक्रम पर कहा कि पाकिस्तान में इमरान खान संख्या बल के आधार पर अपना बहुमत खो चुके हैं इसलिए वह तीन अप्रैल को सत्ता से बेदखल हो जाएंगे. मालूम हो कि इमरान खान के समर्थन में 164 सांसद हैं. उन्हें बहुमत साबित करने के लिए अभी 8 और सांसदों की जरूरत है.

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'सेना ही तय करेगी पाक का अगला पीएम'

पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि अभी यह कयास लगाना ठीक नहीं है कि नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ पीएम बनेंगे या कोई और. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान की सेना ही तय करेगी कि इमरान खान की जगह कौन नया पीएम बनेगा.

भारत को लेकर नहीं बदलेगी पाक की नीति

यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत को लेकर पाकिस्तान की हमेशा एक ही नीति रही है. 1947 से लेकर आज तक पाकिस्तान का रुख भारत को लेकर दोस्ताना नहीं रहा है. जो भी इमरान खान की जगह लेगा, वह भी दुश्मनी वाली नीति ही अपनाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान में नए पीएम आने से भारत के साथ उसका संबंध ठीक होगा.

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फौज की कठपुतली थे इमरान खान

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इमरान खान बेशक एक बेहतर क्रिकेटर रहे हैं. क्रिकेट के बाद वह राजनीति के मैदान में उतरे. पाकिस्तान की फौज का आशीर्वाद उन्हें मिला तो वह पीएम बन गए. पीएम बनने के बाद उन्होंने कभी भारत और भारत के पीएम के लिए कोई अच्छा बात नहीं की. वो फौज की कठपुतली थे. उनसे फौज भारत के खिलाफ जो बयान देने के लिए कहती थी तो वह बयान देते थे इसीलिए वह क्रिकेट की तरह भारत-पाकिस्तान के बीच अच्छा रिश्ता नहीं बना सके. अब सेना ने उन पर से अपना आशीर्वाद वापस ले लिया है तो वह पद से हट रहे हैं.

 

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