कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना हुई थी. इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट गंभीर हो गया है. इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय अब गाइडलाइंस तय करने पर विचार कर रहा है. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल (एसजी) और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इसे लेकर सुझाव देने की पेशकश सुप्रीम कोर्ट से की है.
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने भी कहा कि हम इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव साझा करने को तैयार हैं. एसजी और याचिकाकर्ता विकास सिंह, दोनों ने ही कहा कि वो इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपने सुझाव पहले आपस में साझा करेंगे और इसके बाद दोनों के सुझाव कोर्ट के सामने रखे जाएंगे.
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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सरकार, दोनों की ओर से इस तरह की घटनाओं की रिपोर्टिंग को लेकर भी सुझाव रखे जाएंगे. दोनों ही यह भी बताएंगे कि ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग करते समय क्या एहतियात बरती जाए, जिससे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का मंसूबा कामयाब न होने पाए. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह की ओर से दायर याचिका में यह डिमांड भी की गई थी कि बीआर गवई के सीजेआई रहते उन पर जूता फेंकने के आरोपी वकील पर अवमानना की कार्यवाही की जाए.
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जस्टिस गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांग भी की गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी वकील के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करने का फैसला लिया. अब कोर्ट अदालत की गरिमा को धता बताने वाली इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा.
संजय शर्मा