नकली पनीर, मिलावटी दूध और खोया को लेकर उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंताओं के बीच खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बड़ा कदम उठाया है. FSSAI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट और गलत ब्रांडिंग के खिलाफ एक विशेष देशव्यापी प्रवर्तन अभियान चलाएं.
FSSAI अधिकारियों ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से मिलावटी डेयरी उत्पादों की लगातार आ रही रिपोर्टें न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि घरेलू खाद्य प्रणाली पर भरोसे को भी कमजोर करती हैं. संसद में पेश हालिया आंकड़े समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पंजाब में वर्ष 2024–25 के दौरान जांचे गए करीब 47 प्रतिशत पनीर और अन्य दुग्ध उत्पादों के नमूने खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे. इनमें स्टार्च और सुक्रोज जैसे मिलावट पाए गए.
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इस विशेष अभियान के तहत राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग और FSSAI के क्षेत्रीय कार्यालय दूध, पनीर और खोया के उत्पादन, भंडारण और बिक्री से जुड़े सभी परिसरों की गहन जांच करेंगे. इसमें बड़े लाइसेंसधारी प्रतिष्ठानों के साथ-साथ अनौपचारिक और बिना लाइसेंस वाले खाद्य कारोबारियों को भी शामिल किया जाएगा. खाद्य सुरक्षा अधिकारी निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नमूने लेकर लाइसेंस और पंजीकरण की जांच करेंगे.
उल्लंघन पाए जाने पर असुरक्षित उत्पादों की होगी जब्ती
जहां नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे या संदिग्ध पैटर्न सामने आएंगे, वहां मिलावट के सोर्स और अवैध आपूर्ति का पता लगाने के लिए ट्रेसबिलिटी जांच शुरू की जाएगी. उल्लंघन पाए जाने पर असुरक्षित उत्पादों की जब्ती, लाइसेंस निलंबन या रद्दीकरण, अवैध इकाइयों को बंद करना और मिलावटी उत्पादों को नष्ट करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
निरीक्षण का डेटा वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश
FSSAI ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी निरीक्षणों का डेटा तुरंत FoSCoS पोर्टल पर अपलोड किया जाए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी और विश्लेषण किया जा सके. इसके साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, कैटरिंग और फूड सर्विस सेक्टर को भी आगाह किया गया है कि वे केवल शुद्ध और प्रमाणित डेयरी उत्पादों का ही इस्तेमाल करें.
मिलन शर्मा