तीन जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए जम्मू-कश्मीर में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. पहलगाम के नुनवान बेस कैंप जो यात्रा का प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट है, वहां श्रद्धालुओं का आना शुरू हो चुका है. इस साल यात्रा का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि अप्रैल में हुए आतंकी हमले के बाद पहलगाम में यह पहला बड़ा आयोजन है. आज तक संवाददाता जितेंद्र बहादुर सिंह की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट से जानिए, कैसे सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रियों की हिफाजत के लिए अभेद्य किला तैयार किया है.
नुनवान कैंप में हलचल, श्रद्धालुओं का सिलसिला शुरू
पहलगाम के नुनवान कैंप में अमरनाथ यात्रियों का आना शुरू हो गया है. तीन जुलाई को पहला जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगा. आज तक की टीम ने यहां का जायजा लिया जहां यात्रियों का उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला. नुनवान कैंप में नए प्री-फैब्रिकेटेड ढांचे बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें लेकिन इस बार सबसे ज्यादा ध्यान सुरक्षा पर है.
पहलगाम में सुरक्षा का फुलप्रूफ प्लान
पहलगाम में सीआरपीएफ के डीआईजी देशवाल ने बताया कि हमने पूरे रूट पर ड्रोन, सीसीटीवी और जैमर लगाए हैं. क्विक रिएक्शन टीमें (QRTs), बम डिस्पोजल स्क्वॉड और सैटेलाइट फोन हर जगह तैनात हैं. पूरे यात्रा मार्ग पर 581 पैरामिलिट्री कंपनियां तैनात की गई हैं जिसमें करीब 42,000 जवान शामिल हैं.
महिला कमांडो का जज्बा: ऑपरेशन सिंदूर की ताकत
पहलगाम में आतंकवादियों ने भले ही महिलाओं के सिंदूर को निशाना बनाया हो लेकिन यहां सीआरपीएफ की दो महिला कमांडो, उजाला और सल्वी, यात्रियों की सुरक्षा की कमान संभाल रही हैं. बातचीत में दोनों ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हर यात्री सुरक्षित गुफा तक पहुंचे और वापस लौटे. सुरक्षा में कोई चूक नहीं होगी.
ऑपरेशन सिंदूर की इन महिला कमांडो ने अपनी ट्रेनिंग और जज्बे से इलाके में मजबूत सुरक्षा घेरा बनाया है. टीम लीडर उजाला ने बताया कि हम दिन-रात निगरानी कर रहे हैं. आतंकी किसी भी रूप में हमला करें, हम तैयार हैं.
फिदायीन हमले से निपटने की तैयारी
आज तक की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट में पता चला कि अगर आतंकी फिदायीन हमला करते हैं तो उससे निपटने के लिए खास रणनीति तैयार की गई है. मार्क्समैन बुलेटप्रूफ वाहन यात्रियों के काफिले के साथ चल रहे हैं. पूरे रूट पर जैमर लगाए गए हैं ताकि जीपीएस स्पूफिंग या साइबर हमले जैसे खतरे न हों. डीआईजी देशवाल ने कहा कि हमने हर स्थिति के लिए ड्रिल किए हैं. ड्रोन से निगरानी, चेहरा पहचानने वाली तकनीक (FRS) और क्विक रिएक्शन टीमें हर पल अलर्ट हैं.
पहलगाम रूट पर जैमर और ड्रोन की निगरानी
पहलगाम यात्रा रूट में काफिले की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. NH-44 पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. चेहरा पहचान सिस्टम (FRS) लगाया गया है जो किसी भी संदिग्ध को तुरंत पकड़ लेता है. आतंकी हमले के बाद जैमर पूरे रूट पर सक्रिय रहेंगे ताकि कोई साइबर हमला या जीपीएस गड़बड़ी न हो.
आतंकी हमले के बाद बढ़ी सतर्कता
पहलगाम में 22 अप्रैल को बैसारन मीडो में हुए आतंकी हमले जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां कोई जोखिम नहीं लेना चाहतीं. एलजी मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है. सिन्हा ने कहा कि हमने तीन स्तर की सुरक्षा बनाई है. श्रद्धालुओं की संख्या भले ही 10.19% कम हुई हो, लेकिन हम हर यात्री की सुरक्षा का भरोसा देते हैं.
नुनवान कैंप में सुविधाएं
नुनवान कैंप में प्री-फैब्रिकेटेड ढांचे, क्लीनिक और यात्री निवास की व्यवस्था की गई है. घोड़ों और पालकी वालों की रजिस्ट्रेशन और पुलिस वेरिफिकेशन पूरी हो चुकी है. हर यात्री को RFID कार्ड पहनना अनिवार्य है जिससे उनकी सुरक्षा और लोकेशन ट्रैक की जा सके.
जितेंद्र बहादुर सिंह