'सिर्फ ऑनलाइन फॉर्म भरने से नहीं कट जाता किसी का नाम', EC ने समझाया कर्नाटक-महाराष्ट्र में क्या हुआ

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि फॉर्म 7 ऑनलाइन भरने मात्र से मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जा सकता. कर्नाटक के आलंद में 6,018 फॉर्म 7 आवेदन में से केवल 24 ही सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत पाए गए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. इसी तरह महाराष्ट्र के राजुरा में 7,792 नए मतदाता पंजीकरण में से 6,861 आवेदन अवैध पाए गए.

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EC ने कहा कि ऑनलाइन कोई भी मतदाता का नाम मनमाने तरीके से नहीं हटाया जा सकता. (Photo: Representational) EC ने कहा कि ऑनलाइन कोई भी मतदाता का नाम मनमाने तरीके से नहीं हटाया जा सकता. (Photo: Representational)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

निर्वाचन आयोग ने फिर दोहराया है कि देश भर में कहीं भी किसी भी वोट को जनता का कोई भी सदस्य ऑनलाइन नहीं हटा सकता. कर्नाटक के आलंद में किसी भी मतदाता का नाम गलत या मनमाने तरीके से नहीं हटाया गया. नाम हटाने के संदिग्ध प्रयास के खिलाफ 2023 में स्वयं ईसीआई के प्राधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 

'सिर्फ फॉर्म 7 भरने से नहीं हट जाता किसी का नाम'

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आयोग के सहायक निदेशक अपूर्व कुमार सिंह के मुताबिक यद्यपि निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक उस विशेष निर्वाचन क्षेत्र से किसी प्रविष्टि को हटाने के लिए आवेदन करने हेतु फॉर्म 7 ऑनलाइन भर सकता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि फॉर्म 7 जमा करने मात्र से मतदाता का नाम स्वतः ही हटा दिया जाता है. मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार, प्रभावित व्यक्ति को नोटिस जारी किए बिना तथा उसे सुनवाई का अवसर दिए बिना नामावली से कोई नाम नहीं हटाया जा सकता.

उन्होंने बताया कि कर्नाटक के आलंद में, नाम हटाने के लिए फॉर्म 7 में 6,018 आवेदन ऑनलाइन जमा किए गए थे. सत्यापन के बाद, केवल 24 आवेदन ही सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत पाए गए. 24 आवेदन स्वीकार कर लिए गए और 5,994 गलत आवेदन अस्वीकार कर दिए गए. इतनी बड़ी संख्या में नाम हटाने के आवेदनों की वास्तविकता पर संदेह करते हुए, जांच की गई और तत्पश्चात निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, आलंद की ओर से एक एफआईआर दर्ज की गई.

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पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई थी जानकारी

निर्वाचन आयोग के निर्देशों के आधार पर, कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने जांच पूरी करने के लिए 06.09.2023 को आयोग के पास उपलब्ध सभी जानकारी कलबुर्गी जिले के पुलिस अधीक्षक को सौंप दी. साझा की गई जानकारी में आपत्तिकर्ता का विवरण शामिल था, जैसे फॉर्म संदर्भ संख्या, आपत्तिकर्ता का नाम, ईपीआईसी नंबर, लॉगिन के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर, प्रोसेसिंग के लिए दिया गया मोबाइल नंबर, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन माध्यम, आईपी पता, आवेदक का स्थान, फॉर्म जमा करने की तिथि और समय, और उपयोगकर्ता निर्माण तिथि. कर्नाटक के सीईओ जांच एजेंसी को आगे की जानकारी और दस्तावेज सहित निरंतर सहायता प्रदान कर रहे हैं.

नाम जोड़ने के लिए प्राप्त हुए 7,792 आवेदन

रिकॉर्ड के अनुसार, आलंद विधानसभा क्षेत्र 2018 में सुभाध गुट्टेदार (भाजपा) और 2023 में बीआर पाटिल (कांग्रेस) ने जीता था. महाराष्ट्र के चंद्रपुर के राजुरा में नए मतदाता पंजीकरण के लिए कुल 7,792 आवेदन प्राप्त हुए. सत्यापन के बाद, 6,861 आवेदन अवैध पाए गए और उन्हें अस्वीकार कर दिया गया. इतनी बड़ी संख्या में नाम जोड़ने के लिए प्राप्त आवेदनों की वास्तविकता पर संदेह होने पर, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, राजुरा की ओर से जांच की गई और तत्पश्चात राजुरा पुलिस स्टेशन में अपराध संख्या 629/2024 दर्ज किया गया.

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अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची कानून के अनुसार तैयार की जाती है और मतदाता सूची में कोई भी सुधार, विलोपन, समावेशन हमेशा कानून में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जा सकता है. भारत निर्वाचन आयोग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो और कोई भी अपात्र व्यक्ति नामांकित न हो.

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