अमित शाह के सामने BSF अफसरों पर भड़कीं सीएम ममता, फोर्स की पावर बढ़ाने पर जताई आपत्ति

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता में शनिवार को ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक की. इसमें पश्चिम बंगाल के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा और सिक्किम के सीएम या उनके प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के दौरान सीएम ममता ने बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने पर आपत्ति जताई. वह सुरक्षाबल के अधिकारियों से भी भिड़ गईं.

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ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में कई राज्यों के सीएम हुए शामिल. ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में कई राज्यों के सीएम हुए शामिल.

सूर्याग्नि रॉय / सत्यजीत कुमार

  • कोलकाता/रांची,
  • 17 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कोलकाता में ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में सीएम ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं. इस दौरान उन्होंने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाया. सीएम ममता ने अमित शाह की मौजूदगी में नए कानून पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बीएसएफ को सीमा के 50 किमी के दायरे में कार्रवाई का अधिकार देने से आम लोगों को परेशानी हो रही है. लोगों और अफसरों के बीच तालमेल बनने में दिक्कत आ रही है. वहीं बीएसएफ ने राज्य सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. इसके बाद सीएम ममता और बैठक में मौजूद बीएसएफ अफसरों के बीच बहस हो गई.

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दरअसल केंद्र ने नए कानून के तहत बीएसएफ को कार्रवाई करने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट की जरूरत भी नहीं होगी, जबकि पुराने नियम के तहत बीएसएफ 15 किमी अंदर तक ही कार्रवाई कर सकती थी. बैठक में पश्चिम बंगाल के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों या उनके प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में ममता बनर्जी ने डीवीसी (दामोदर वैली कॉर्पोरेशन) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. सीएम ने शिकायत की कि डीवीसी ने पश्चिम बंगाल सरकार को बिना बताए पानी छोड़ दिया है फिर बाद में उसने कह दिया कि ऐसा नहीं किया है. इसके बाद अमित शाह ने समस्या का समाधान करने को कहा. केंद्रीय गृह मंत्री ने तीन दलों, डीवीसी, केंद्र और राज्य के प्रतिनिधियों के साथ एक समिति बनाने के लिए कहा है.

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जी-20 कार्यक्रमों में अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करें

केंद्रीय गृह मंत्री ने बैठक में राज्यों के सीएम से अगले साल उनके राज्यों में आयोजित होने वाले जी-20 कार्यक्रमों के दौरान अपने राज्यों की सांस्कृतिक विविधता और पर्यटन स्थलों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का आग्रह किया.

पूर्वी क्षेत्र में खत्म हो गया वामपंथी उग्रवाद 

अमित शाह ने कहा कि देश के पूर्वी क्षेत्र में वामपंथी उग्रवाद लगभग खत्म हो गया है. वामपंथी उग्रवाद पर इस निर्णायक प्रभुत्व को बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए. इन राज्यों में यह फिर से उभरना नहीं चाहिए. इन राज्यों को देश के अन्य हिस्सों के समान विकसित होना चाहिए.

AI के जरिए ड्रग्स के खिलाफ चलाएं अभियान

केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से अपील की कि जिला स्तर पर एनसीओआरडी प्रणाली विकसित करें और नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई के लिए इसकी नियमित बैठकें करें. उन्होंने कहा कि आज देश में नशे के खिलाफ लड़ाई निर्णायक चरण में है. इसे और तेज करने की जरूरत है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए ड्रग्स के खिलाफ अभियान चलाएं.

जीएसटी फंड को लेकर नाराजगी जताई 

सीएम ममता ने जीएसटी के फंड को लेकर अमित शाह से शिकायत की. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि केंद्र समय पर पैसा नहीं देता है, जिससे राज्य सरकार को काम करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. 

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आदिवासी रेजिमेंट का गठन हो: हेमंत सोरेन

बैठक में मौजूद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी एवं वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों लिए वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप संशोधित किया जाए. इसके अलावा उन्होंने मांग की कि आदिवासी रेजिमेंट के गठन के लिए रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिए जाएं.

हेमंत सोरेन ने कहा कि वन (सरंक्षण) नियम, 2022 में जिस तरह से वन भूमि अपयोजन में ग्राम सभा के अधिकार को खत्म किया गया है, उससे पूरे देश के करीब 20 करोड़ आदिवासी एवं वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों का अतिक्रमण हुआ है. उनके अधिकारों की रक्षा के लिए इसे वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप संशोधित किया जाए.

सीएम ने कहा कि पांच हेक्टेयर तक की वन भूमि के अपयोजन के लिए राज्य सरकार के द्वारा स्वीकृत किए जाने के पूर्व के प्रावधान को बहाल किया जाए.

हेमंत सोरेन ने ये रखीं बातें-

- झारखंड की कई कोयला कंपनियों जैसे CCL, BCCL, ECL पर कुल एक लाख छत्तीस हजार करोड़ बकाया राशि का भुगतान जल्द कराया जाए.

- बंद खदानों का क्लोजर कराया जाए ताकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके, अवैध खनन पर भी रोक लग सके.

- रेलवे को झारखंड से सबसे ज्यादा आय मिलती है लेकिन झारखंड में रेलवे का एक भी जोनल मुख्यालय नहीं है, इसलिए यहां रेलवे का जोनल मुख्यालय स्थापित करने का निर्देश दिया जाए.

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- केंद्र की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में दस साल से केंद्र द्वारा कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. महंगाई को देखते हुए इस राशि में पर्याप्त बढ़ोत्तरी की जरूरत है.

- झारखंड के करीब आठ लाख पैंतीस हजार परिवार पीएम आवास योजना के लाभ से वंचित हैं. इन सभी को आवास स्वीकृत करने का निर्देश ग्रामीण विकास मंत्रालय को दिए जाएं.

- झारखंड जैसे उग्रवाद प्रभावित व गरीब राज्य में CAPF(Central Armed Police Force) की प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्र द्वारा राज्य से राशि के भुगतान की मांग नहीं की जानी चाहिए.

- GST कम्पनसेशन की अवधि को अगले 5 साल तक विस्तारित किया जाए, नहीं तो झारखंड को हर साल करीब 5 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने के आशंका है.

 

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