कनाडा और भारत के बीच रिश्ते दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा को दो टूक जवाब दिया है. कनाडा में जारी घटनाक्रम को लेकर जयशंकर ने कहा,'कनाडा ने बिना जानकारी दिये आरोप लगाने का एक पैटर्न डेवलप कर लिया है.'
विदेश मंत्री ने आगे कहा,'इंडियन डिप्लोमैट्स पर निगरानी रखी जा रही है, जो अस्वीकार्य है. कनाडा में चरमपंथी ताकतों को पॉलिटिकल स्पेस दिया जा रहा है.'
भारत ने कनाडा को दिया जवाब
एस. जयशंकर कनाडा के मुद्दे पर पहले भी मुखर होकर बोलते रहे हैं. पिछले महीने 27 अक्टूबर को उन्होंने कहा था कि भारत ने कनाडा में संगठित अपराध के मुद्दे को उठाया था, लेकिन लंबे समय तक कनाडा की सरकार ने इसे नजरअंदाज किया. कनाडा सरकार भारत के उच्चायुक्त और राजनयिकों को टारगेट कर रही थी, जिसका भारत ने जवाब दिया है.
राजनयिकों को किया टारगेट
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने कहा था कि जब भी राष्ट्रीय हित, अखंडता और संप्रभुता की बात आएगी तब-तब भारत कठोर कदम उठाएगा. उन्होंने कहा था कि कनाडाई सरकार ने हमारे उच्चायुक्त और राजनयिकों को टारगेट बनाया, जिसको लेकर हमने उचित जवाब दिया.
निज्जर हत्याकांड से शुरुआत
दरअसल, कनाडा ने 13 अक्टूबर को भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के लिए नामित किया था. लेकिन कनाडा की तरफ से आगे की कार्रवाई करने से पहले ही भारत ने संजय वर्मा और अन्य पांच राजनयिकों को वापस बुला लिया. इसके भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. यह कूटनीतिक विवाद और बढ़ गया जब ओटावा ने भारत के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों का संकेत दिया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया.
दरअसल, कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय एजेंटों पर 'हत्या, जबरन वसूली और खालिस्तानी समर्थकों को लक्षित करने वाले हिंसक कृत्यों' में शामिल होने का आरोप लगाया और यहां तक कि बिश्नोई गिरोह को कनाडाई धरती पर अस्पष्ट आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया.
पन्नू ने दी थी ये चेतावनी
इससे पहले खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी करके लोगों को एयर इंडिया में उड़ान न भरने की चेतावनी दी थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एयर इंडिया और उसके यात्रियों के खिलाफ किसी विशेष खतरे की जानकारी नहीं है.
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