द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप महासचिव के पोनमुडी ने अपने विवादास्पद बयान के लिए माफी मांगी है. उन्होंने कहा है कि मैं अपने बयान के लिए उन सभी से माफी मांगता हूं जिन्हें ठेस पहुंची है. पार्टी ने इस संबंध में औपचारिक माफीनामा भी जारी किया है.
पोनमुडी ने अपने बयान में कहा, 'मैं पेरियार द्रविड़ कड़गम की एक आंतरिक बैठक में दिए गए अपने बयान में अनुचित शब्दों के इस्तेमाल के लिए दिल से माफी मांगता हूं. मुझे तुरंत ही इस टिप्पणी पर पछतावा हुआ और मैं इसके लिए गहराई से शर्मिंदा हूं.'
'मुझे अफसोस है...'
उन्होंने कहा, 'मैं लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में हूं, और मुझे अफसोस है कि मेरे इस भाषण से कई लोगों की भावनाएं आहत हुईं और उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं उन सभी से बार-बार माफी मांगता हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची.'
क्या है पूरा मामला?
तमिलनाडु के वन मंत्री और सीनियर डीएमके नेता के पोनमुडी (K Ponmudi) एक सार्वजनिक समारोह में दी गई अपनी स्पीच की वजह से विवादों में आ गए. उन्होंने हिंदू धार्मिक पहचान को यौन स्थितियों से जोड़ने वाली टिप्पणी की थी.
एक वायरल वीडियो में पोनमुडी को यह कहते हुए सुना गया, 'महिलाओं, कृपया आप गलतफहमी न पालें.' इसके बाद वे एक चुटकुला सुनाते हैं, जिसमें एक आदमी एक सेक्स वर्कर से मिलने जाता है, जो फिर उस आदमी से पूछती है कि वह शैव है या वैष्णव.
सोशल मीडिया पर बयान की निंदा
डीएमके नेता के द्वारा सुनाए जा रहे किस्से में, जब आदमी को समझ में नहीं आता, तो सेक्स वर्कर यह पूछकर स्पष्ट करती है कि क्या वह पट्टई (क्षैतिज तिलक, जो शैव धर्म से जुड़ा है) या नामम (लंबवत तिलक, जो वैष्णव धर्म से जुड़ा है) पहनता है. फिर वह समझाती है कि अगर वह शैव है, तो स्थिति 'लेटी हुई' है, और अगर वैष्णव है, तो स्थिति 'खड़े होकर' है.
डीएमके सांसद कनिमोझी ने पोनमुडी के बयान की निंदा की है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'मंत्री पोनमुडी का हालिया भाषण अस्वीकार्य है. भाषण का कारण चाहे जो भी हो, ऐसी अभद्र टिप्पणी निंदनीय है.'
अनघा