अब दंगा करने वालों की खैर नहीं, उत्तराखण्ड में धामी सरकार ला रही देश का सबसे सख्त नुकसान भरपाई कानून

उत्तराखंड 26 फरवरी से शुरू होने वाले अपने बजट सत्र के दौरान धामी सरकार उत्तर प्रदेश और हरियाणा के संपत्ति क्षति वसूली बिल की तरह एक विधेयक पेश करने की योजना बना रही है.  इस कानून के तहत संपत्ति को नुकसान पहुंचने वालों से नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जाएगी.

Advertisement
सीएम पुष्कर सिंह धामी सीएम पुष्कर सिंह धामी

अंकित शर्मा

  • देहरादून,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:44 PM IST

उत्तराखंड के वनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद राज्य की धामी सरकार अब सार्वजनिक या निजी संपत्ति के नुकसान मामले पर गंभीर हो गई है. राज्य सरकार अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के फॉर्मूले को अमल में लाने की तैयारी कर रही है. 26 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान सरकार अब 'उत्तराखंड सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक' पेश कर सकती है.  

Advertisement

नुकसान की ऐसी की जाएगी भरपाई

इस विधेयक का उद्देश्य विरोध प्रदर्शनों, दंगों और हड़तालों में भाग लेने वाले लोगों के कारण सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान की लागत वसूल करना है.सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित विधेयक हलद्वानी हिंसा का नतीजा है जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी और कई घायल हुए थे.

सदन में पेश करने के बाद विधेयक पर बहस होगी और फिर इसे पारित करने के बाद कानूनी रूप दिया जाएगा. जैसे ही यह सदन में पास हो जाएगा तो कानून बनने के बाद उत्तराखंड उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां इस रह का कानून लागू है.

यह भी पढ़ें: वकीलों से हुई एक चूक... फिर दिल्ली से ऐसे धरा गया हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक

8 फरवरी को हुई थी हिंसा

Advertisement

आपको बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को भारी हिंसा हुई थी. बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम पर उपद्रवियों ने हमला बोला था. भारी पथराव के साथ ही आगजनी और गोलीबारी भी की थी. कई गाड़ियों के साथ ही थाने को घेरकर आग के हवाले कर दिया था. इस संबंध में थाना बनभूलपुरा में एफआईआर दर्ज हुई थी. अब नैनीताल पुलिस ने दंगे में वांछितों के पोस्टर जारी किए थे.

जानकारी के मुताबिक, अब्दुल मलिक सहित 9 वॉन्टेड दंगाइयों के पोस्टर शहर भर में चिपकाए गए हैं. लोगों से उनके बारे में कोई भी जानकारी होने पर पुलिस के साथ साझा करने के लिए कहा गया है. इन दंगाइयों के नाम अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद, तस्लीम, वसीम, अयाज़, रईस, शकील अंसारी, मौकीन और जिया उल रहमान है.. पुलिस टीमें लगातार सभी संभावित स्थानों पर उनकी तलाश कर रही हैं. बनभूलपुरा में अभी कर्फ्यू जारी है, जिसमें कुछ घंटों की ढील दी जारी रही है.

यूपी में है ये कानून

आपको बता दें कि यूपी विधानसभा में 20222 में इसी तरह का कानून 'उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक- 2022' पारित किया गया था. इस संशोधन विधेयक में दंगा-उपद्रव में किसी व्यक्ति की मौत या संपत्ति के नुकसान पर मुआवजे की रकम की वसूली दोषी व्‍यक्ति से करने का प्रावधान है.  विधेयक में यब बात भी साफ है कि अगर प्रदर्शन या हड़ताल के दौरान किसी भी प्रकार का नुकसान होता है, किसी संपति को तोड़ा जाता है या फिर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. साथ ही ऐसे आयोजनों को कराने वाले लोगों को भी जवाबदेह बनाया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि भीड़ बेकाबू न हो साथ ही आयोजक अलर्ट रहें.

Advertisement

यह भी पढ़ें: हल्द्वानी: बसपा से लड़ा चुनाव, मलिक बगीचा में किया अतिक्रमण, कौन है हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक?

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement