बोइंग 787 विमानों में नहीं मिली कोई बड़ी खामी... जांच पर एअर इंडिया ने DGCA को दी जानकारी

विमानन नियामक संस्था DGCA ने एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में DGCA ने एअर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन से सीधे बात की और कंपनी के संचालन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फोकस करने के निर्देश दिए.

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DGCA ने एअर इंडिया के सीईओ को सख्त निर्देश दिए हैं (फाइल फोटो) DGCA ने एअर इंडिया के सीईओ को सख्त निर्देश दिए हैं (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

अहमदाबाद में लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 के क्रैश होने के बाद देश की विमानन नियामक संस्था DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में DGCA ने एअर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन से सीधे बात की और कंपनी के संचालन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फोकस करने के निर्देश दिए.

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बैठक में एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारियों के बताया कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े में कोई बड़ी सुरक्षा संबंधी चिंता नहीं मिली है. हाल ही में की गई निगरानी के बाद विमान के रखरखाव से जुड़ी प्रणालियां भी मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाई गईं.

DGCA ने एअर इंडिया से खासतौर पर विमान सुरक्षा और मेंटेनेंस पर पूरा ध्यान केंद्रित करने को कहा है. नियामक ने कहा है कि किसी भी तकनीकी खामी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और हर विमान को उड़ान से पहले कड़े सुरक्षा मानकों पर खरा उतरना चाहिए. उड़ानों के संचालन को और अधिक अनुशासित बनाने का निर्देश दिया गया है. DGCA ने कहा कि समय पर उड़ानों का संचालन एयरलाइन की साख और यात्रियों के भरोसे के लिए अनिवार्य है.

देर से उड़ानों और कैंसिलेशन की स्थिति में यात्रियों को हो रही असुविधा को गंभीरता से लिया गया है. नियामक ने एअर इंडिया को कहा है कि ऐसी स्थिति में यात्रियों को स्पष्ट जानकारी और सहायता उपलब्ध कराई जाए. DGCA ने एअर इंडिया से क्राइसिस कम्युनिकेशन (संकट संवाद) प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की बात कही है. यानी किसी भी इमरजेंसी या देरी की स्थिति में यात्रियों को तुरंत सूचना और सहयोग देना अनिवार्य किया जाए.

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विशेष बैठक में किन-किन मुद्दों पर मंथन हुआ?

इस विशेष बैठक में एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया गया था. DGCA ने स्पष्ट किया कि AI 171 फ्लाइट हादसे के बाद यात्रियों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है. यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी उड़ान से पहले सभी तकनीकी परीक्षण समयबद्ध और प्रमाणिक तरीके से किए जाएं.

DGCA की ओर से कहा गया कि फ्लाइट डिले या तकनीकी खराबी जैसी स्थिति में यात्रियों को एयरलाइन की तरफ से मिलने वाली जानकारी, सुविधाएं और सेवा मानकों को दुरुस्त किया जाए.

अहमदाबाद में प्लेन क्रैश में गई 270 लोगों की जान

बता दें कि अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर हुआ प्लेन क्रैश बोइंग कंपनी के 787 ड्रीमलाइनर विमान से जुड़ी सबसे भयावह दुर्घटनाओं में से एक है. अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग का यह सबसे आधुनिक वाइडबॉडी एयरलाइनर है. एअर इंडिया का यह विमान सिर्फ 12 साल पुराना था और दुर्घटना से कुछ घंटे पहले ही दिल्ली से यात्रियों को लेकर अहमदाबाद पहुंचा था. इसमें 242 लोग सवार थे.

अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे नंबर 23 से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद, यह तेजी से नीचे की ओर गिरने लगा और एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विशाल आग के गोले में तब्दील हो गया. इस हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई. इनमें उस इमारत में मौजूद लोग भी शामिल हैं, जिससे ये विमान टकराया.

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13 जून का DGCA ने जारी किया था सख्त आदेश

13 जून को DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने एक विशेष आदेश जारी किया था, जिसमें एअर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों को उड़ान से पहले एन्हांस्ड सेफ्टी इंस्पेक्शन यानी उन्नत सुरक्षा जांच से गुजरना अनिवार्य किया गया. यह आदेश अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद जारी किया गया.

इस सुरक्षा जांच में विमान को उड़ान से पहले छह अलग-अलग चरणों में जांचा जाता है, जिसमें फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग, कैबिन एअर कंप्रेसर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल टेस्ट, इंजन फ्यूल एक्टुएटर ऑपरेशन, ऑयल सिस्टम और हाइड्रोलिक सिस्टम की सेवा जांच शामिल है. इसके साथ ही टेकऑफ से पहले के पैरामीटर्स की समुचित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए. 

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