लोकसभा में आज वायु प्रदूषण पर बहस हुई. सांसद डॉ. किरसान नामदेव ने दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछे. इस पर वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब देते हुए कहा कि हां, दिल्ली में प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर है, खासकर सर्दियों में लेकिन केंद्र ने कई कदम उठाए हैं. इस पर सवाल उठे कि दिल्ली सरकार केंद्र के फंड को ठीक से खर्च क्यों नहीं कर रही? GRAP के तहत 50% स्टाफ के साथ काम चल रहा है, ये क्या मजाक है?
इस पर मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि 2025 में दिल्ली के अच्छे दिन (AQI
CAQM की सख्ती
केंद्र ने 2021 के एक्ट के तहत कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) बनाया, जिसने 95 स्टेट्यूटरी डायरेक्शंस जारी किए. साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए स्टबल बर्निंग पर रोक जैसे सख्त नॉर्म्स लाए. मॉनिटरिंग के लिए रिव्यू मीटिंग्स हो रही हैं. अभी अगस्त से नवंबर तक चार बड़ी मीटिंग्स हुईं.
GRAP में नए बदलाव
21 नवंबर को GRAP को और सख्त किया गया. अब स्टेज 1 में ही ट्रैफिक मैनेजमेंट, पावर सप्लाई चेक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाना जरूरी किया गया है. स्टेज 3 में दिल्ली-एनसीआर के सरकारी दफ्तरों का टाइमिंग स्टैगर करनी होगी. स्टेज 4 में 50% स्टाफ के साथ काम, बाकी वर्क फ्रॉम होम, ये पहले स्टेज 3 में था. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ये अपडेट हुए.
फंड का क्या हो रहा इस्तेमाल
दिल्ली सरकार को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत गैप फंडिंग मिली. AMRUT, स्वच्छ भारत मिशन जैसी स्कीम्स से रिसोर्स जुटाए जा रहे. दिल्ली ने 14 मैकेनिकल रोड स्वीपर्स खरीदने शुरू किए, रोड पेविंग और ग्रीनिंग पर काम चल रहा, इससे 2.6 हेक्टेयर एरिया कवर हो रहा. एनडीएमसी ने 4 एंटी-स्मॉग गन्स खरीदने का टेंडर जारी किया. लेकिन मंत्री ने कहा, फंड का पूरा इस्तेमाल नहीं हुआ, इसलिए रिव्यू मीटिंग में तेजी लाने को कहा गया है.
मॉनिटरिंग और जागरूकता
SAMEER ऐप और पोर्टल से रीयल-टाइम AQI ट्रैक हो रहा, रोज शाम 4 बजे बुलेटिन आता है. PRANA पोर्टल से 130 सिटीज की प्रोग्रेस चेक होती है. ग्रिवांस रिड्रेसल के लिए ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. IMD और IITM के वेदर फोरकास्ट पर GRAP स्टेजेस एक्टिवेट होते हैं.
ये हैं सुधार के संकेत
2016 के 110 अच्छे दिनों से 2025 में 200 हो गए. इस दौरान एवरेज AQI 8 साल का सबसे कम (2020 लॉकडाउन को छोड़कर) रहा. लेकिन सर्दियों में स्टबल बर्निंग, व्हीकल इमिशन, कंस्ट्रक्शन डस्ट से दिक्कत बनी हुई है. केंद्र ने इंटर-मिनिस्टीरियल मीटिंग में क्रॉप रेसिड्यू मैनेजमेंट पर फोकस किया, और 'एक पेड़ मां के नाम' से 1 करोड़ पेड़ लगाने का प्लान है.
विपक्ष का कहना है कि केंद्र के फंड दिल्ली सरकार खर्च कर रही लेकिन प्लानिंग की कमी से प्रदूषण कम नहीं हो रहा. संसद के विंटर सेशन के पहले दिन ही लोकसभा हंगामे में स्थगित हुई, जहां SIR के साथ प्रदूषण भी बड़ा मुद्दा बना. क्या ये कदम काफी हैं या और सख्ती चाहिए? हवा साफ होने तक तो इंतजार ही करना पड़ेगा.
मिलन शर्मा