सबसे ज्यादा IGI एयरपोर्ट पर... स्कूल से लेकर लाल किले तक जानिए दिल्ली में कैसे-कैसे Hoax call आते हैं

दिल्ली में बीते तीन सालों में 100 से ज्यादा बम की हॉक्स कॉल आई हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन मामलों को लेकर करीब छह मामले दर्ज किए गए और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

दिल्ली के इंडियन स्कूल में बम की हॉक्स कॉल बुधवार को आई थी. ऐसा नहीं है कि दिल्ली पुलिस को पहली बार हॉक्स कॉल मिली. लाल किले को उड़ाने की धमकी से लेकर फ्लाइट में बम रखने तक राजधानी दिल्ली में बीते तीन सालों में 100 से ज्यादा हॉक्स कॉल आई हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन मामलों को लेकर करीब छह मामले दर्ज किए गए और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा तीन लोगों के खिलाफ कलंदर भी जारी किया गया. 

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द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली के अलग-अलग जिलों में बम की कम से कम 106 हॉक्स कॉल आई हैं. इन मामलों को लेकर छह मुकदमे, 7 गिरफ्तारियां हुई थीं. इसके अलावा तीन कलंदर भी जारी किए थे. कलंदर सीआरपीसी की धारा 107 के तहत ऐसे व्यक्ति को जारी किया गया नोटिस है, जिसके खिलाफ पुलिस को शांति भंग करने या अन्य गलत काम करने के बारे में जानकारी है, जिससे जनता में अशांति पैदा होगी.  

पूर्वी दिल्ली में 53 हॉक्स कॉल

दिल्ली में कुल हॉक्स कॉल में से पूर्वी जिले में सबसे ज्यादा 53 कॉल आई थीं, जिनमें बम रखने की सूचना दी गई. इसके बाद उत्तरी जिले में 16 हॉक्स मिली, जिसके तहत चार लोगों की गिरफ्तारी हुई. आईजीआई एयरपोर्ट को उड़ान से भरने से कुछ मिनट पहले ज्यादातर हॉक्स मिली हैं. बीते तीन साल में ऐसी 11 हॉक्स मिली, जिसमें चार केस दर्ज किए गए और दो व्यक्ति पकड़े गए. इसी तरह रेलवे स्टेशन पर ऐसी आठ कॉल मिलीं. सूत्रों के मुताबिक, साउथ और साउथ वेस्ट जिले में पांच और आठ कॉल मिलीं.  

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क्यों होती हैं कम गिरफ्तारियां?

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर आरोपी पीसीआर, एयरलाइन कंपनी या रेलवे पीसीआर को फ्लाइट या ट्रेन में बम के मामले में कॉल करते हैं. हॉक्स कॉल के 100 से ज्यादा मामले आने के बाद भी इतनी कम गिरफ्तारियां हुईं, उसको लेकर एक अधिकारी ने कहा आरोपी व्यक्ति एयरपोर्ट अधिकारियों और पुलिस को टैग करते हुए ईमेल या ट्विटर के माध्यम से बम की धमकी भरे कॉल भेजते हैं.  

इनमें से कई लोगों को पता नहीं लग पाता है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है क्योंकि आईपी पते की जांच करने के बाद पता चलता है कि व्यक्ति शरारत करने के इरादे से बाहर का होता है. जिन लोगों को ट्रेस कर लिया जाता है, उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जाती है.  

क्या होती है आरोपी के खिलाफ कार्रवाई

अधिकारी ने कहा कि मामले और खतरे की आशंका के आधार पर फोन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. एक बार जब हॉक्स कॉल की जानकारी होती है और कॉल करने वाला पड़ोसी राज्यों में है तो एक टीम तैनात की जाती है और व्यक्ति को पकड़ा जाता है. पूछताछ के दौरान बयानों के आधार पर या तो एक मामला दर्ज किया जाता है या एक कलंदर जारी किया जाता है. इसके अलावा मेडिकल टेस्ट के आधार पर उसे IHBAS में रेफर किया जाता है. कॉल करने वालों को आमतौर पर आईपीसी की धारा 507 के तहत बुक किया जाता है.  

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अजीब दावे करते हैं आरोपी

उत्तरी जिले के एक अन्य अधिकारी ने बताया, "जब इस मामले में जांच करते हुए हम गिरफ्तारी करते हैं तो आरोपी बड़े अजीब दावे करते हैं. जैसे लालकिला को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले ने कहा कि उसका प्रेमिका के साथ झगड़ा हुआ था. इसके अलावा एक शख्स अपने काम से निराश था तो उसने कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर बम लगा दिया था." 

 

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