दिल्ली ब्लास्ट में NIA को बड़ी कामयाबी, उमर को कार उपलब्ध कराने वाला कश्मीरी युवक गिरफ्तार, अब तक 73 से पूछताछ

NIA ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में एक कश्मीरी व्यक्ति आमिर को गिरफ्तार किया है, जिसने आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी को हमला करने में मदद की थी. आमिर ने उमर को वह गाड़ी उपलब्ध कराई थी जो बाद में विस्फोटक से भरे वाहन (VBIED) में बदल दी गई थी.

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दिल्ली ब्लास्ट: उमर को कार उपलब्ध कराने वाले आमिर गिरफ्तार. (photo: ITG) दिल्ली ब्लास्ट: उमर को कार उपलब्ध कराने वाले आमिर गिरफ्तार. (photo: ITG)

अरविंद ओझा / अशरफ वानी / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

लाल किला के पास हुए कार बम ब्लास्ट की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली है. जांच एजेंसी ने इस भयावह हमले में उमर की मदद करने वाले एक कश्मीरी व्यक्ति आमिर को जांच एजेंसी ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. जांचकर्ताओं के अनुसार, 10 नवंबर को हुए विस्फोट में इस्तेमाल कार आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी.

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एनआईए के मुताबिक, आमिर ने राजधानी दिल्ली की यात्रा कर आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी को वाहन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ये वाहन बाद में व्हीकल-बॉर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) में तब्दील कर दिया गया.

एजेंसी ने बताया कि आमिर ने फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उमर उन नबी के साथ मिलकर लाल किले के पास बम विस्फोट की साजिश रची थी. इसके अलावा जांच एजेंसी ने उमर की एक अन्य कार भी जब्त कर ली है, जिसकी फोरेंसिक जांच चल रही है ताकि अतिरिक्त सबूत जुटाए जा सकें.

अब तक 73 गवाहों से पूछताछ

उधर, एनआईए ने अब तक इस हमले के षडयंत्र की पड़ताल करते हुए 73 गवाहों से पूछताछ की है, जिनमें विस्फोट में घायल हुए कई लोग शामिल हैं. साजिश की हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश में एजेंसी दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य केंद्रीय यूनिटों के साथ मिलकर काम कर रही है और विभिन्न राज्यों में कई सुरागों की तलाश कर रही है.

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साजिश के बड़े नेटवर्क की जांच

अधिकारियों का मानना है कि ये साजिश पहचाने गए दो षड्यंत्रकारियों से आगे तक फैली हुई है और जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां होने की संभावनाएं हैं.

एनआईए के अनुसार, अब प्राथमिकता हमले के पीछे के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करना है. इसमें योजना बनाने, लॉजिस्टिक्स और फंडिंग में शामिल लोगों को चिह्नित करना शामिल है. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि लाल किले के पर बम ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार ग्रुप के हर सदस्य की पहचान की जाए और उसे न्याय के कटघरे में लाया जाए.

बता दें कि 10 नवंबर की शाम को दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

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