लाल किले के पास धमाके को अंजाम देने वाले आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद उर्फ उमर नबी को लेकर जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, धमाका करने से ठीक पहले उमर पुरानी दिल्ली की फैज़-ए-इलाही मस्जिद गया था, जो रामलीला मैदान के कोने पर तुर्कमान गेट के सामने स्थित है. बताया जा रहा है कि उमर यहां करीब 10 मिनट से ज्यादा समय तक रुका था.
उमर का फरीदाबाद से दिल्ली तक का पूरा रूट
मस्जिद के सीसीटीवी फुटेज में वह अंदर जाते और बाहर आते हुए साफ दिखाई दिया है. यह मस्जिद तब्लीगी जमात से जुड़ी बताई जा रही है. इसी बीच सुरक्षा एजेंसियों ने उमर के फरीदाबाद से लेकर दिल्ली तक के पूरे रूट का पता लगाया है. जांच में सामने आया कि वह फरीदाबाद से भागकर मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचा था.
यहां से वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली पहुंचा. रास्ते में उसने एक ढाबे पर रात गुजारी और कार में ही सोया. इसके बाद वह दिल्ली-मुंबई हाइवे से होते हुए फरीदाबाद के रास्ते बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल हुआ. उसकी कार की तस्वीरें एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई हैं.
उमर की इको स्पोर्ट्स कार मिलने से हड़कंप
फरीदाबाद में उमर की संदिग्ध इको स्पोर्ट्स कार मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. देर रात से एनएसजी और केंद्रीय एजेंसियों की टीमें मौके पर मौजूद हैं. कार को फिलहाल जनता से दूर रखा गया है, क्योंकि शक है कि उसमें विस्फोटक सामग्री हो सकती है. एनएसजी की क्लियरेंस मिलने तक वाहन किसी अन्य एजेंसी या पुलिस को नहीं सौंपा जाएगा.
अंकारा में छिपा है हैंडलर
जांच में यह भी सामने आया है कि उमर और गिरफ्तार अन्य आतंकी ‘UKasa’ नाम के हैंडलर के संपर्क में थे. एजेंसियों को शक है कि यह कोड नेम हो सकता है, जिसका इस्तेमाल असली पहचान छिपाने के लिए किया गया. आतंकी सेशन ऐप के जरिए उससे बात करते थे.
हैंडलर की लोकेशन तुर्की की राजधानी अंकारा में ट्रेस हुई है. सूत्रों के अनुसार, मार्च 2022 में भारत से कुछ लोग अंकारा गए थे, और शक है कि वहीं उनका ब्रेनवॉश कर आतंकी गतिविधियों में शामिल किया गया. फिलहाल पूरे मामले में एनआईए, एनएसजी और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमें जांच में जुटी हैं.
अरविंद ओझा