दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट के बाद एक बड़े व्हाइट-कॉलर आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ, जिसमें कई शिक्षित डॉक्टरों का कनेक्शन सामने आया है. इसी के तहत लखनऊ की डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है, लेकिन शाहीन मेडिकल की दुनिया में होनहार छात्रा और प्रेरणा स्रोत मानी जाती थीं.
प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और फार्माकोलॉजी में एमडी करने वाली शाहीन ने हमेशा पढ़ाई में अव्वल स्थान हासिल किया. 2006 में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयनित हुई, लेकिन ये चमकती हुई करियर की कहानी धीरे-धीरे अंधेरे की ओर मुड़ गई.
तलाक के बाद आया नया मोड़
शाहीन की जिंदगी में 2015 में बड़ा मोड़ तब आया, जब उसका महाराष्ट्र के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जफर हयात से तलाक हो गया, जिसके बाद वह मानसिक रूप से टूट गई और उसी दौरान उसकी मुलाकात फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे डॉक्टर मुजम्मिल शकील से हुई. मुजम्मिल ने ही उसके अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिकल फैकल्टी के रूप में नौकरी दिलाई.
मुजम्मिल से नजदीकी बढ़ते-बढ़ते शाहीन एक ऐसे नेटवर्क के संपर्क में आ गई, जिसने उसकी पूरी सोच को बदल दिया. यहीं से शाहीन की मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात के सदस्यों से हुई.
एजेंसियों के अनुसार, इसी संगठन ने उसे धीरे-धीरे महिला कमांडर के रूप में तैयार किया. वह मेडिकल पहचान की आड़ में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के बीच सफर करती रही. साथ ही आतंकी नेटवर्क को सुरक्षित रास्ते, फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का काम करने लगी.
नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है शाहीन का भाई
शाहीन का भाई डॉ. परवेज अंसारी भी लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था. हाल ही में उसने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
उधर, एटीएस को शक है कि शाहीन का भाई परवेज भी इसी नेटवर्क से जुड़ा था और शाहीन के संपर्क में रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए आर्थिक मदद और संसाधन उपलब्ध कराता था.
ATS की छापेमारी
लाल किले के बाद हमले के बाद 11 नवंबर को एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने शाहीन के लालबाग स्थित घर पर छापेमारी की. पुलिस ने परवेज के घर से डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़, एक कार और बाइक जब्त की है, जिनके इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में होने की संभावना जताई गई है.
वहीं, उनके पिता सईद अंसारी (हेल्थ डिपार्टमेंट से रिटायर्ड अधिकारी) ने छापे के दौरान कहा, 'मेरी बेटी टॉपर थी, वह ऐसा नहीं कर सकती. उसने हमेशा मरीजों की सेवा की है.'
शाहीन की कार से AK-47 बरामद
एजेंसियों के मुताबिक, शाहीन की कार से एके-47, पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस मिलने के बाद उसके खिलाफ सबूत लगातार पुख्ता होते जा रहे हैं. दिल्ली ब्लास्ट के बाद शाहीन की गिरफ्तारी ने मेडिकल प्रोफेशन में छिपे एक नए आतंकी मॉड्यूल की पोल खोल दी है.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद अब तक इस नेटवर्क से छह डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर का लिंक फरीदाबाद, सहारनपुर और जम्मू-कश्मीर से जुड़ा है. टॉपर से डॉक्टर, फिर प्रोफेसर और अंततः जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर- डॉ. शाहीन शाहिद की ये कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस खतरे की झलक है, जिसमें शिक्षा-पेशे और आतंकवाद के बीच की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं.
आशीष श्रीवास्तव