दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. तापमान में गिरावट के साथ हवा की रफ्तार कम होने से आसमान में धंधु की मोटी चादर छाई हुई है. CPCB के अनुसार, आज सुबह दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 'बेहद खराब' (Very Poor) और कुछ जगहों पर “गंभीर” (Severe) श्रेणी में पहुंच गया है. सबसे ज्यादा बवाना एक्यूआई 387 दर्ज किया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) रविवार को वायु की गुणवत्ता में सुधार के बाद लगातार दो दिनों से फिर एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.
CPCB द्वारा मंगलवार सुबह 6 बजे तक जारी किए आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 'बेहद खराब' (Very Poor) और कुछ जगहों पर 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में दर्ज किया गया है.
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' की श्रेणी में पहुंच गई.बवाना में AQI 387 दर्ज किया गया है जो कि सबसे खराब है. इसके बाद आनंद विहार में AQI 381 दर्ज किया गया है. बुराड़ी (361), नरेला (363), आरके पुरम (356) और वजीरपुर (362) में भी AQI 350 के दर्ज किया गया है.
इलाके वार AQI
इस वक्त दिल्ली का औसत AQI 330-400 के आसपास बना हुआ है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है. इस स्तर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को बाहर निकालने में सावधानी बरतनी चाहिए. डॉक्टर बाहर निकलते समय N95 या उससे बेहतर मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती
वहीं, सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे को केवल सर्दियों के महीनों के दौरान सूचीबद्ध किए जाने वाले 'प्रथागत' मामले के रूप में नहीं देखा जा सकता है और इस समस्या के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए महीने में दो बार सुनवाई की जाएगी.
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के लिए पराली जलाने को मुख्य कारण बताए जाने पर सवाल उठाते हुए सीजेआई कांत ने पूछा, 'कोविड के दौरान पराली जलाई जा रही थी, लेकिन फिर भी लोगों को साफ नीला आसमान क्यों दिखाई दे रहा था? इससे पता चलता है कि इसके पीछे अन्य कारक भी हैं.'
CJI ने कहा, 'हम पराली जलाने पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि इसका बोझ उन लोगों (किसानों) पर डालना गलत है, जिनका इस न्यायालय में बहुत कम प्रतिनिधित्व है.' उन्होंने आगे कहा, 'पराली जलाने का मुद्दा अनावश्यक रूप से राजनीतिक मुद्दा या अहंकार का मुद्दा नहीं बनना चाहिए.'
aajtak.in