कपड़ों पर कोटिंग कर 90% तक कोरोना को बेअसर करने का दावा, नई स्टडी पर चर्चा तेज

कोरोना खतरे के बीच एक नई स्टडी सामने आई है जहां पर कपड़ों पर ऐसी कोटिंग करने की बात कही गई है जिससे कोरोना वायरस को 90 फीसदी तक बेअसर किया जा सकता है.

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कोरोना को लेकर नई रिसर्च कोरोना को लेकर नई रिसर्च

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST
  • अस्पतालों में इस कोटिंग को बताया जा रहा जरूरी
  • इंसानों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा, सुरक्षित प्रक्रिया

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है. बदलते वैरिएंट और अलग-अलग लहरों के बीच वैज्ञानिकों द्वारा कई तरह के शोध भी किए जा रहे हैं. अब ताजा स्टोरी के मुताबिक अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कोटिंग तैयार कर ली है, जिसे अगर किसी कपड़े पर लगाया जाएगा तो कोरोना वयारस को 90 फीसदी तक बेअसर किया जा सकेगा.

इस रिसर्च को लेकर बताया गया है कि कोटिंग में ऐसे मालीक्यूल मौजूद रहने वाले हैं, जिस पर जब लाइट पड़ेगी तो ऑक्सीजन के स्टर्लाइजिंग स्वरूप रिलीज होंगे. ये भी दावा किया गया है कि भविष्य में इस कोटिंग को एंटीवायरल स्प्रे के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. रिसर्च को लेकर जोर देकर कहा गया है कि ये इंसानों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. कोटिंग में ऐसी एंटीमाइक्रोबायल खूबियां रखी गई हैं कि इंसानों पर इसका कोई गलत असर नहीं पड़ने वाला है. इसके अलावा ये माइक्रोब्स कपड़े से चिपकते भी नहीं हैं, ऐसे में कपड़े की मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ता. इस पूरी प्रक्रिया को पूरा होने में सिर्फ एक घंटे का समय जाता है और ये भी सामान्य तापमान में पूरा किया जा सकता है.

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शोधकर्ताओं ने जानकारी दी है कि सूती, पालीएस्टर, डेनिम और सिल्क जैसे कपड़ों पर इस कोटिंग का इस्तेमाल हो सकता है. ऐसे में कोरोना के खतरे को भी काफी कम किया जा सकता है और इंसानों को भी इसका कोई नुकसान नहीं होगा. रिसर्च में बताया गया है कि अस्पताल के लिए फैबरिक तैयार करने वाली कई कंपनियां इस कोटिंग का इस्तेमाल करने की इच्छुक हैं. ऐसे में University of British Columbia ने अमेरिका में पेटेंट के लिए अप्लाई कर दिया है.

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