'उत्तर भारत नहीं, केरल में होना चाहिए मैच...', लखनऊ टी-20 रद्द होने पर शशि थरूर का निशाना

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच लखनऊ में प्रस्तावित टी20 मैच को रद्द कर दिया गया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा कि खराब विजिबिलिटी के चलते क्रिकेट खेलना संभव नहीं हो पाया. इससे अच्छा मैच तिरुवनंतपुरम में होना चाहिए.

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लखनऊ में टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच चौथा टी-20 मैच हुआ रद्द (Photo: PTI) लखनऊ में टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच चौथा टी-20 मैच हुआ रद्द (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच पांच मैचों की टी-20 सीरीज़ खेली जा रही है. चौथा मैच बुधवार को लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना था. हालांकि, घने कोहरे की वजह से मैच रद्द कर दिया गया. टॉस भी नहीं हो सका. कई बार एंपायर्स ने इंस्पेक्शन किया. लेकिन, आख़िर में मैच रद्द करने का फैसला लिया. इस फैसले से फैंस काफी मायूस नज़र आए. 

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मैच रद्द किए जाने को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि क्रिकेट फैंस लंबे समय से टीम इंडिया बनाम साउथ अफ्रीका मैच का इंतजार कर रहे थे, लेकिन घने स्मॉग और बेहद खराब विजिबिलिटी ने खेल को संभव नहीं रहने दिया. 

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के अधिकांश शहरों में प्रदूषण अब सामान्य जीवन के साथ-साथ खेल गतिविधियों पर भी असर डाल रहा है. 

यह भी पढ़ें: लखनऊ में घने कोहरे के चलते मैच रद्द, भारत-अफ्रीका के बीच नहीं हो सका चौथा टी20

थरूर ने अपने बयान में तुलना करते हुए कहा कि अगर मैच तिरुवनंतपुरम में आयोजित किया गया होता तो स्थिति अलग होती. उन्होंने बताया कि उस समय तिरुवनंतपुरम में AQI लगभग 68 था, जो सुरक्षित श्रेणी में आता है. उनके मुताबिक, बेहतर हवा और साफ वातावरण में खेल आयोजन आसान और सुरक्षित होता. 

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लखनऊ में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया, जिसे बेहद गंभीर श्रेणी में रखा जाता है. इतनी खराब हवा में विजिबिलिटी कम हो जाती है, जिससे खिलाड़ियों की सुरक्षा और खेल की निष्पक्षता दोनों पर असर पड़ता है. यही वजह रही कि मैच की शुरुआत संभव नहीं हो पाई और दर्शकों को निराशा का सामना करना पड़ा. 

थरूर का बयान केवल एक मैच तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तर भारत में लगातार बढ़ते प्रदूषण की ओर इशारा करता है. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से यह सवाल भी उठाया कि जब हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो, तब बड़े खेल आयोजनों की योजना कैसे बनाई जाती है.

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