China Galwan: जानिए गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने किस जगह फहराया अपना झंडा?

नए साल के मौके पर चीनी सेना ने गलवान में अपना झंडा फहरायाय. ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेज और गूगल अर्थ के साथ इलाके की मैपिंग का एनालिसिस किया गया तो पता चलता है कि वीडियो उस जगह का नहीं है, जहां गलवान घाटी में हिंसा हुई थी. 

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यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चीनी सैनिकों के वीडियो से लिया गया है.  यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चीनी सैनिकों के वीडियो से लिया गया है.

अंकित कुमार

  • नई दिल्ली ,
  • 04 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST
  • चीनी सेना का झंडा फहराते वीडियो हो रहा वायरल
  • दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो गलवान में उस जगह का है, जहां चीन और भारत की झड़प हुई थी

साल 2022 के पहले दिन चीनी सेना द्वारा LAC पर गलवान में अपना झंडा फहराने का वीडियो सामने आने के बाद भारत में राजनीतिक हलचल है. हालांकि, जब ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेज और गूगल अर्थ के साथ इलाके की मैपिंग का एनालिसिस किया गया तो पता चलता है कि वीडियो उस जगह का नहीं है, जहां गलवान घाटी में हिंसा हुई थी. 

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एनालिसिस के मुताबिक, यह जगह पीपी पॉइंट (पेट्रोल पॉइंट) 14 से करीब 1.2 किमी दूर है. पीपी 14 पर ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून 2020 में हिंसक झड़प हुई थी.

बता दें कि इस इलाके को लेकर भारत का दावा है कि चीन लगातार आगे बढ़ रहा है और अपनी हद पार कर रहा है. ये लंबा विवाद चला आ रहा है. यह क्षेत्र लंबे समय से चीनी नियंत्रण में है.

ये हैं सबूत

चीन द्वारा जारी किए गए वीडियो में पीपी 14 पर आसानी से पहचाने जाने वाले विशिष्ट मोड का न होना, पहला संकेत है कि वीडियो में दिख रहा झंडा फहराने वाला स्थान झड़प वाली जगह नहीं है. वीडियो में दिख रहे क्षेत्रों को Google अर्थ से सर्च करने पर वीडियो के संभावित स्थान का पता चलता है. 

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पहली फोटो में देख सकते हैं कि वीडियो में दिखाई देने वाली तेज धूप इलाके के साउथ ईस्ट ओरिएंटेशन से मेल खाती है. 

दूसरी तस्वीर में देख सकते हैं कि वीडियो में चीन द्वारा बनाया गया एक ब्रिज नजर आ रहा है. इसे भी सैटेलाइट इमेज से मैच किया जा सकता है.  

 
तीसरी तस्वीर

अभी तक चीन सरकार ने वीडियो को लेकर कोई आधिकारिक दावा नहीं किया है. चीन की सरकारी मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा इस वीडियो को आक्रामक संदेश के साथ पोस्ट किया जा रहा है. कुछ यूजर्स यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि चीन ने गलवान घाटी से कदम पीछे नहीं लिए हैं. 
  
 कुछ पोस्टों का अर्थ है कि चीन ने गलवान घाटी में एक कदम पीछे नहीं लिया होगा.
 

“Never yield an inch of land.”
Good morning from Galwan valley, southwest China.
The first ray of sunlight of the New Year Day in 2022. pic.twitter.com/bHUPttutm4

— Shen Shiwei沈诗伟 (@shen_shiwei) January 2, 2022

 
भले ही कई स्थानों पर दोनों देशों के बीच गतिरोध है और निर्माण कार्य भी जारी है. इसके बावजूद भारत और चीन गलवान घाटी में विवाद वाले स्थानों से पीछे हटने पर राजी हुए हैं. दोनों सेनाओं ने इन जगहों पर बफर जोन बनाया है. इससे भारत और चीन ने गलवान घाटी के विवादित स्थानों पर इस तरह की झड़प को रोकने के लिए ये कदम उठाया है. हालांकि, सोशल मीडिया पर किए जा रहे अलग-अलग दावों के साथ पोस्ट ने राजनीतिक बहस तेज कर दिया है और गलवान में भारत की यथास्थिति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. 
 
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है.  

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गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है।

चीन को जवाब देना होगा।
मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2022

 

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का मानना ​​है कि इस तरह के वीडियो एक अच्छी तरह से तैयार किए गए हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा हो सकते हैं. चीनी सोशल मीडिया हैंडल हाल के दिनों में एलएसी पर हुई झड़पों से संबंधित फुटेज भी पोस्ट करते रहे हैं. यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस तरह के अभियान चीनी जनता के लिए भी हो सकते हैं. 

 

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