छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के चंद्रपुर गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं, जहां एक परिवार ने अपने लापता बेटे को मृत समझकर गलत शव का अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन रिश्तेदारों से अपने बेटे के जिंदा होने की जानकारी मिलने पर परिवार के लोगों ने उसकी तलाश की और ढूंढकर घर ले आए, जिससे गांव वाले हैरान रह गए.
दरअसल, ये नाटकीय घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब पुलिस ने एक नवंबर को सूरजपुर जिले के मानपुर क्षेत्र में एक कुएं से एक शव बरामद होने की सूचना प्रसारित की. पड़ोसी चंदरपुर गांव के निवासी पुरुषोत्तम के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया, क्योंकि वह दो दिनों से लापता था. परिवार पुलिस के पास पहुंचा और शव को देखकर उसे पुरुषोत्तम मान लिया. फिर शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
परिवार ने की थी शव की पहचान: पुलिस
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष माहतो ने बताया कि पुलिस ने दुर्घटना मृत्यु का मामला दर्ज किया और शव परिवार को सौंप दिया. परिवार ने अंतिम संस्कार कर स्थानीय श्मशान में दफना दिया.
रिश्तेदार ने दी सूचना
वहीं, बाद में पुरुषोत्तम की मौत की खबर सुनकर पहुंचे रिश्तेदारों ने शोकाकुल परिवार को बताया कि उसे लगभग 45 किलोमीटर दूर अंबिकापुर में देखा गया है. अधिकारी ने बताया कि शख्स के जिंदा होने की सूचना के बाद परिवार ने तलाश शुरू की और 4 नवंबर को उसे एक रिश्तेदार के घर से ढूंढ निकाला और वापस घर ले आए.
पुरुषोत्तम ने बताया कि वह अंबिकापुर गया था और उसे बाद में पता चला कि उसके परिवार ने उसे समझकर एक मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया था.
'शव की नहीं हुई पहचान'
पुलिस अभी तक उस व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाई है, जिसके शव को पुरुषोत्तम के परिवार ने दफनाया था. महतो ने बताया कि शव के डीएनए नमूने, फिंगरप्रिंट, कपड़े और अन्य सामानों को सुरक्षित रख लिया गया है. शव की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि उस व्यक्ति की मौत डूबने से हुई थी.
पुरुषोत्तम की मां मनकुंवर अपने बेटे के जिंदा होने से बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे शव की फोटो दिखाई गई और गांव वालों ने कहा कि ये मेरा बेटा है. मैं खुश हूं कि मेरा बेटा जिंदा है. इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना.'
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