अक्षय तृतीया के मौके पर शुरू हुई चारधाम यात्रा, भक्तों के लिए खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट

अक्षय तृतीया के मौके पर सुबह 7.10 बजे भक्तों के लिए केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं. इसके बाद सुबह 10.29 बजे यमुनोत्री धाम और 12.25 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे.

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केदारनाथ मंदिर के खुले कपाट केदारनाथ मंदिर के खुले कपाट

अंकित शर्मा

  • देहरादून,
  • 10 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

उत्तराखंड में शुक्रवार सुबह केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर चारधाम यात्रा शुरू हुई है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदार नगरी में पहुंचे हैं. इस दौरान जय केदार के जयकारों से केदार नगरी गूंज उठी है.

केदारनाथ धाम के प्रमुख रावल भीमाशंकर लिंग ने पूर्ण विधि-विधान से मंदिर के कपाट खोले. सुबह 7.10 बजे भक्तों के लिए केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे. इसके बाद सुबह 10.29 बजे यमुनोत्री धाम और 12.25 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दर्शन और निरीक्षण के लिए सुबह सात बजे केदारनाथ धाम पहुंच गए थे.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा शुरू होने के मौके पर भक्तजनों को दिए संदेश में कहा कि आप सभी भक्तजनों का चारधाम यात्रा 2024 में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन. आप सभी से अनुरोध है कि यात्रा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचें. हमारी सरकार ने चारधाम आने वाले बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की है.

जय श्री केदार ! pic.twitter.com/z5KRgNxCuE

— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) May 10, 2024

वहीं, बद्रीनाथ के कपाट खुलने के लिए श्रद्धालुओं को थोड़ा और इंतजार करना होगा. बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार 12 मई को सुबह 6 बजे खोले जाएंगे.

केदारनाथ का महत्व

केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव का पवित्र धाम है. हर साल यहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. केदारनाथ की गणना भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग और पंच केदार में भी की जाती है. केदारनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है. इस वजह से मंदिर का महत्व अधिक बढ़ जाता है.

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बद्रीनाथ का महत्व

बद्रीनाथ चार धाम में से एक प्रमुख धाम माना जाता है. ये हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है. यह मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है. यहां पर नर और नारायण की उपासना की जाती है. ये मंदिर तीन भागों में विभाजित है- गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामंडप. बद्रीनाथ मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं, इनमें सब से प्रमुख भगवान विष्णु की मूर्ति है.

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