भारत और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान के अपहरण के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. बीएसएफ के अधिकारियों ने बीएसएफ जवान को अगवा किए जाने की बात का खंडन करते हुए कहा है कि नियमित गश्त और ऑपरेशनल ड्रिल चल रही थी. वह जवान भी इसका हिस्सा था. संदिग्ध तस्करों का पीछा करने की ड्रिल के दौरान वह अपनी टीम से बिछड़ गया था.
बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि जवान को तस्करों ने अगवा नहीं किया था. सूत्रों की मानें तो घने कोहरे के कारण जवान अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में पड़ने वाले इलाके में चला गया. इसके बाद एक्टिव हुईं दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत संपर्क स्थापित किया और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने रविवार की दोपहर तक जवान को बीएसएफ को सौंप भी दिया.
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बताया जाता है कि बीएसएफ जवान के अनजाने में बांग्लादेशी सीमा क्षेत्र में चले जाने के बाद इलाके के आम नागरिकों ने उसे पकड़ लिया था. क्षेत्रीय लोगों ने ही बीएसएफ के जवान को बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल बीजीबी के हवाले किया था. इसके बाद बीजीबी ने बीएसएफ के समन्वय स्थापित किया और जवान की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की. इस घटना के बाद बीएसएफ ने कूच बिहार जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है.
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बीएसएफ ने बांग्लादेश की सीमा पर गश्त बढ़ा दी है. कोहरे की स्थिति का फायदा उठाकर अपराधियों और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए बीएसएफ ने सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है. अधिकारियों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में सीमा पार आवाजाही और तस्करी की कोशिशों को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि एक दिन पहले ऐसी खबरें आई थीं कि तस्कर बीएसएफ के जवान का अपहरण कर उसे अपने साथ ले गए हैं.
जितेंद्र बहादुर सिंह