पंजाब में AAP-बीजेपी के बीच तकरार, सीएम ने मॉक विधानसभा के आयोजन पर भाजपा को घेरा

बीजेपी ने पंजाब विधानसभा के अंतिम दिन अपने मुख्यालय में 'जनसभा' के रूप में मॉक विधानसभा का आयोजन किया, जहां बाढ़ राहत में लूट, कैग रिपोर्ट और सरकारी धन के दुरुपयोग पर चर्चा हुई. वहीं, बीजेपी द्वारा मॉक विधानसभा का आयोजन किए जाने पर सीएम भगवंत मान ने बीजेपी विधायकों की आलोचना की है.

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BJP ने आयोजित की मॉक विधानसभा.  (Photo: /@AAPPunjab) BJP ने आयोजित की मॉक विधानसभा. (Photo: /@AAPPunjab)

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़,
  • 30 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:42 AM IST

पंजाब विधानसभा के चौथे और अंतिम दिन पर सोमवार को भाजपा ने चंडीगढ़ के सेक्टर 37 स्थित पार्टी मुख्यालय में 'जनसभा' के रूप में अपनी मॉक विधानसभा का आयोजन किया. ये मॉक विधानसभा चार घंटे तक चली, जिसमें सीबीआई जांच, जिम्मेदार अधिकारियों और मंत्रियों पर FIR और न्यायिक जांच प्रमुख मांगें उठाई गईं.

बीजेपी द्वारा बुलाई गई इस सभा के लिए पंजाब के सभी पूर्व मंत्री, वर्तमान और पूर्व विधायक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व सांसद, राज्य कोर समिति के सदस्य, पदाधिकारी और जिला अध्यक्षों को बुलाया गया था, जिन्होंने मॉक सेशन में भाग लिया.

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'जख्मों पर छिड़का नमक'

पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं पठानकोट से विधायक अश्विनी शर्मा को मॉक वीएस सत्र में सदन का नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल को अध्यक्ष बनाया गया है. अश्विनी शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा, 'विधानसभा की गरिमा से समझौता किया जा रहा है, अध्यक्ष अपने संवैधानिक कर्तव्य को भूल रहे हैं, सत्ता पक्ष जनता की आवाज का मजाक उड़ा रहा है और सरकार राहत देने की बजाय लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है, ऐसे में जनसभा बुलाना जरूरी हो गया है.'

'पंजाब में हो रही है लूट'

आजतक/इंडिया टुडे से बात करते हुए अश्विनी शर्मा ने कहा, 'पंजाब के लोगों के साथ हो रहे धोखे, ज्यादतियों और नुकसान पर खुलकर चर्चा हुई. खास तौर पर बाढ़ प्रभावितों की दुर्दशा और मुआवजे की बजाय हो रही लूट, कैग रिपोर्ट के खुलासे और सरकारी धन के दुरुपयोग, लोगों के अधिकारों के हनन और सरकार की उदासीनता पर खुलकर चर्चा होगी और निंदा प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा. विधानसभा में कोई चर्चा नहीं हुई, इसलिए हम पंजाब और उसकी जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए अपना विशेष सत्र बुला रहे हैं. हमने अपनी विधानसभा में पंजाब में बाढ़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और मंत्रियों पर एफआईआर की मांग की.'

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अश्वनी शर्मा ने जोर देकर कहा कि इस सभा का उद्देश्य सरकार को जवाबदेह बनाना और पंजाब की वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदारों को जनता के सामने उजागर करना है.

पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा, 'AAP पार्टी हमारा दुश्मन नहीं है, कांग्रेस से हमारी कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि अन्य देशों से हमें कई मुद्दों पर लड़ना है, जैसे हाल ही में अमेरिकी टैरिफ. पंजाब, नेपाल-बांग्लादेश और अन्य पड़ोसी देशों जैसी खराब स्थिति में है.'

बीजेपी नेता ने AAP पर बोला हमला

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ ने ' आजतक/इंडिया टुडे' से कहा, 'पंजाब में ये मानव-निर्मित आपदा है. हम पंजाब में बाढ़ के कारण बांधों/जल प्रवाह के प्रबंधन में गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग करते हैं. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए फंडों का यहां दुरुपयोग हो रहा है. पंजाब सरकार ने बाढ़ और तैयारी पर बैठक महीनों देरी से की, ये 100 प्रतिशत झूठी सरकार है. हमारी सभा में उठाए गए सवालों का जवाब, उन्हे देना चाहिए.'

उधर बीजेपी की इस मॉक सभा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'ये नकली विधानसभा है, जैसे उनके नेता नकली हैं. यदि वे वास्तव में मुद्दे उठाने के इच्छुक हैं तो विधानसभा में आएं जो सही मंच है, अन्यथा उनके विधायक अपने पद से इस्तीफा दे दें.'

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सीएम ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना

सीएम ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'यदि बहस करनी है तो भाजपा की नकली सभा में जाकर बात करें. पंजाब को धोखा देने वाले सभी भाजपा में बैठे हैं. भाजपा सदस्य इस विधानसभा का सामना नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने जनता को बार-बार ठगा है.'

सोमवार को पंजाब विधानसभा का सत्र साइन डाई हो गया, जो तीन बिलों- जीएसटी बिल, पंजाब राइट टू बिजनेस (संशोधन) 2025, तथा केंद्र के खिलाफ बिल के सर्वसम्मति से पारित होने के साथ समाप्त हुआ. दूसरी ओर बीजेपी की 'जनता की सभा' में पंजाब बाढ़ पर चर्चा हुई और जिम्मेदार अधिकारियों व मंत्रियों पर एफआईआर व सीबीआई जांच की मांग की गई. दोनों सभाओं में विपक्ष ने समय की कमी और पंजाब मुद्दों पर शून्य परिणाम का आरोप लगाया.

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