कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल ही में ब्रिटेन दौरे पर पहुंचे थे. यहां उन्होंने कैम्ब्रिज समेत तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. राहुल गांधी के ब्रिटेन दौरे पर दिए गए बयानों को लेकर भारत में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. संसद में भी पिछले दो दिनों से राहुल के मुद्दे पर कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी आमने सामने है. जहां बीजेपी राहुल से माफी मांगने के लिए कह रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि राहुल के बयान पर माफी का कोई सवाल ही नहीं है.
इतना ही नहीं संसद में कांग्रेस समेत विपक्षी दल अडानी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में जुटे हैं. हालांकि, इन दोनों दिन की कार्यवाही के दौरान राहुल संसद में मौजूद नहीं थे. बताया जा रहा है कि राहुल आज ही विदेश दौरे से लौटे हैं. वे आगे की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं. आईए जानते हैं कि आखिर राहुल के किन बयानों पर बीजेपी माफी की मांग कर रही है और कांग्रेस कैसे इस पर पलटवार कर रही है. आखिर राहुल के किन बयानों पर ये पूरा घमासान हो रहा है?
राहुल के किन बयानों पर मचा है बवाल?
- राहुल ने लंदन में जर्नलिस्ट एसोसिएशन नाम के संगठन की ओर से आयोजित कार्यकम में कहा था, ''यदि यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे. असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. इसकी वजह यह है कि कारोबार और पैसे का मामला है. अमेरिका से आबादी में तीन से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं.'' राहुल ने कहा था, विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है. यह पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है. राहुल के इसी बयान पर बीजेपी उनपर निशाना साध रही है.
- इससे पहले राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं. मेरे ऊपर कई केस किए गए. ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं. हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं. मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है. दलित और अल्पसंख्यकों पर, आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं.
- राहुल ने कहा था, संसद में बोलने नहीं दिया जाता. विपक्षी नेता जब बोलते हैं तो उनके माइक बंद कर दिए जाते हैं. भारत में किसी भी यूनिवर्सिटी में मुझे बोलने नहीं दिया जाता.
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संसद में दो दिन से हंगामा
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू हुआ. लेकिन दोनों दिन लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. पहले दिन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लंदन में अपने बयान के जरिए भारत को बदनाम करने की कोशिश की. उन्होने कहा कि राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य हैं. उन्होंने लंदन में कहा कि भारत में भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी शक्तियों को भारत के लोकतंत्र को बचाना चाहिए. यह भारत के सम्मान और प्रतिष्ठा को गहरी चोट पहुंचाने की कोशिश है. राजनाथ सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अपील की कि सदन को गांधी की टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए और कांग्रेस नेता को माफी मांगने का निर्देश देना चाहिए.
इस दौरान NDA के सांसदों ने राहुल गांधी माफी मांगे के नारे भी लगाए. उधर, कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया और सदन के वेल में आकर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसदों बीजेपी सांसदों के नारों के जवाब में अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग की. उधर, राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के बयान पर माफी की मांग की. इसके बाद उच्च सदन में भी जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गोयल के बयान पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को कुचलने वाले इसे बचाने की बात कर रहे हैं. इसी तरह सत्र के दूसरे दिन भी दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ और सदन को स्थगित करना पड़ा.
सदन के बाहर भी घमासान
सदन के बाहर भी इस मुद्दे पर घमासान जारी है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, सरकार नहीं चाहती थी संसद चले. यह सब अडानी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. उधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, राहुल ने ब्रिटेन के दौरे पर टुकड़े टुकडे़ गैंग की तरह बात की. वे संसद में इतना बोलते हैं, लेकिन लंदन में उन्होंने कहा कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जाता और माइक बंद कर दिया जाता है. गिरिराज सिंह ने कहा, मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र पर हमला है, यह लोकसभा और देश का अपमान है.
स्मृति ईरानी ने साधा निशाना, खड़गे ने किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया, जिसका इतिहास भारत को गुलाम बनाने का रहा है. भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने ये दुख जताया किया कि क्यों विदेशी ताकतें आकर भारत पर धावा नहीं बोलती हैं.
स्मृति ईरानी ने कहा, मैं राहुल गांधी से पूछना चाहती हूं आपने विदेश में कहा कि देश में उन्हें किसी यूनिवर्सिटी में बोलने का अधिकार नहीं है. ऐसा है तो 2016 में दिल्ली में जब एक यूनिवर्सिटी में 'भारत तेरे टूकड़े होंगे' का नारा लग रहा था तब आपने वहां जाकर इसका समर्थन किया, वो क्या था?
माफी का सवाल नहीं- खड़गे
उधर, बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, माफीनामा मांगने वालों से मैं एक सवाल पूछता हूं कि मोदी जी ने 5-6 देशों में जाकर हमारे देश के लोगों को अपमानित किया और कहा कि हिंदुस्तान में पैदा होना एक बहुत बड़ा पाप है.
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खड़गे ने कहा, आज भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम किया जा रहा है, सभी टीवी चैनलों को दबाया जा रहा है, सच बोलने वाले लोगों को जेल में डाला जा रहा है, ये लोकतंत्र को खत्म करने की प्रक्रिया नहीं है तो क्या है? इसलिए माफी का कोई सवाल नहीं है.
पीएम मोदी ने भी साधा था निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक में एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधा था. पीएम ने राहुल का नाम लिए बिना कहा था, लंदन से भारत पर टिप्पणी करने वालों का समर्थन न करें. भारत सिर्फ सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं है, यह लोकतंत्र की जननी है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन में भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए. कुछ लोग लगातार भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं. दुनिया की कोई ताकत भारत के लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा सकती.
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RSS ने भी दी नसीहत
राहुल ने ब्रिटेन में RSS की आलोचना की थी. उन्होंने RSS की तुलना आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी. इस पर संघ के नेता दत्तात्रेय होसबले ने राहुल को नसीहत दी. उन्होंने कहा, वे अपने राजनीतिक एजेंडे से चलते हैं. हमारी और उनकी कोई तुलना नहीं है. वे संघ के बारे में बोल रहे हैं, तो मैं बस इतना ही कहूंगा कि उन्हें अधिक जिम्मेदारी से बयान देने चाहिए और वास्तविकता को देखना चाहिए.
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