बिहार विधानसभा चुनाव और आठ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने प्रचार नियमों को और सख्त कर दिया है. आयोग के नए दिशा-निर्देश के अनुसार, अब कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में प्रकाशित नहीं कर सकेगा.
नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, अब मतदान के दिन या उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं कर सकेगा, जब तक कि उसे राज्य या जिला स्तर की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी से पूर्व प्रमाणन नहीं मिल जाता. ये नियम प्रचार अवधि में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए इस पहले को लागू किया है.
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रिंट मीडिया में कोई भी राजनीतिक विज्ञापन बिना MCMC के पूर्व-प्रमाणन के प्रकाशित या प्रसारित नहीं हो सकेगा. ये नियम मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले विशेष रूप से लागू होगा. पहले चरण (6 नवंबर, 2025) के लिए प्रतिबंधित दिन 5 और 6 नवंबर हैं, जबकि दूसरे चरण (11 नवंबर, 2025) के लिए 10 और 11 नवंबर प्रतिबंधित होंगे.
इस नियम का उद्देश्य सभी दलों और उम्मीदवारों को प्रचार का समान अवसर देना और किसी भी तरह की गलत या भ्रामक सामग्री को रोकना है.
2 दिन पहले करना होगा आवेदन
MCMC से पूर्व-प्रमाणन के लिए आवेदकों को विज्ञापन की प्रस्तावित प्रकाशन तिथि से कम से कम दो दिन पहले आवेदन करना होगा. उदाहरण के लिए यदि कोई विज्ञापन 6 नवंबर को प्रकाशित करना है तो आवेदन 4 नवंबर तक जमा करना होगा. राज्य और जिला स्तर पर गठित MCMC समितियां इन विज्ञापनों की जांच करेंगी और शीघ्र फैसला लेंगी. आयोग ने ये सुनिश्चित किया है कि जांच प्रक्रिया में देरी न हो और समयबद्ध तरीके से प्रमाणन प्रदान किया जाए.
14 नवंबर को आएंगे नतीजे
निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और आठ विधानसभा सीटों के उपचुनावों के लिए मतदान की तारीखें 6 नवंबर, 2025 (पहला चरण) और 11 नवंबर, 2025 (दूसरा चरण) निर्धारित की हैं. मतगणना 14 नवंबर को आएंगे. इस दौरान 243 विधानसभा सीटों पर मुकाबला होगा, जिसमें NDA और महागठबंधन के बीच कड़ा टकराव देखने को मिल रहा है. सख्त नियमों के जरिए आयोग ये सुनिश्चित करना चाहता है कि प्रचार का माहौल स्वच्छ और निष्पक्ष रहे.
संजय शर्मा