बेंगलुरु इंफ्रास्ट्रक्चर विवाद के बीच किरण मजूमदार ने डीके शिवकुमार से की मुलाकात

बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि दोनों ने शहर के विकास, कचरे की समस्या और सुधारों पर चर्चा की.

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किरण मजूमदार शॉ ने डीके शिवकुमार से की मुलाकात. (photo: ITG) किरण मजूमदार शॉ ने डीके शिवकुमार से की मुलाकात. (photo: ITG)

सगाय राज

  • बेंगलुरु,
  • 21 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

बेंगलुरु की खराब सड़कों और कचरा प्रबंधन को लेकर हाल ही में छिड़े सार्वजनिक विवाद के कुछ दिनों बाद बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से उनके आवास पर मुलाकात की. बताया जा रहा है कि किरण अपने भतीजे की शादी का न्योता देने के लिए उनके आवास पहुंची थी. हालांकि, इंडिया टुडे/आजतक को सूत्रों ने बताया कि दोनों ने बेंगलुरु में कचरे के मुद्दे पर भी चर्चा की.

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कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने किरण के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शेयर की हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'आज मेरे आवास पर बायोकॉन की संस्थापक और उद्यमी किरण शॉ से मिलकर बहुत खुशी हुई. हमने बेंगलुरु के विकास, इनोवेशन और कर्नाटक की विकास गाथा के आगे के मार्ग पर एक रोचक चर्चा की.'

किरण मजूमदार-शॉ ने हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट में एक विदेशी व्यवसायिक मेहमान के अनुभव का जिक्र किया था जो बेंगलुरु की खस्ताहाल सड़कों और इकट्ठा होते कचरे से स्तब्ध था.

'सिवित मैनेजमेंट की मांग'

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार निवेश को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है? शॉ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और आईटी मंत्री प्रियंक खरगे को टैग करते हुए बेहतर सिविक मैनेजमेंट की मांग की. उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और जनता से भारी समर्थन मिला.

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'मैं कचरा हटने की मांग कर रही हूं'

शॉ ने जोर देकर कहा कि वे केवल कचरा हटाने और सड़कों की मरम्मत की मांग कर रही हैं जो ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (GBA) का काम है. उन्होंने मंत्रियों से GBA को जिम्मेदार ठहराने की अपील की.

शॉ की आलोचना पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने तीखा प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि ऐसी सार्वजनिक आलोचना राज्य और देश को चोट पहुंचाती है और समस्याओं को हल करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं.

उन्होंने एक्स पर लिखा, 'बेंगलुरु को तोड़ने के बजाय, इसे साथ मिलकर बनाएं. दुनिया भारत को बेंगलुरु के माध्यम से देखती है और हमारा शहर इसके लायक है.'

'कैसे सुधार सकते हैं आप शहर'

शॉ ने उनका ये पोस्ट रीपोस्ट कर सहमति जताई और कहा, 'मैं सहमत हूं, यह सामूहिक प्रयास है जिसमें तत्परता और गुणवत्ता जरूरी है. आइए दिखाएं कि हम अपना शहर कैसे सुधार सकते हैं.'

कांग्रेस मंत्रियों ने शॉ पर हमला बोला और उन पर BJP शासनकाल में चुप्पी पर सवाल उठाए. तो शॉ ने अपनी बात दोहराते हुए एक्स पर लिखा, 'मैं बस कचरा हटाने और सड़कों की मरम्मत की मांग कर रही हूं जो जीबीए को करना चाहिए. सरकार के मंत्रियों को घटिया और धीमे काम के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराना चाहिए.'

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कांग्रेस ने साधा निशाना

कर्नाटक लेबर मंत्री संतोष लाड ने कहा कि सरकार फीडबैक का स्वागत करती है, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि शॉ जैसे उद्योगपति केंद्र सरकार के बारे में ऐसी ही चिंता क्यों नहीं जताते.

कांग्रेस नेता मंसूर अली खान ने उनकी आलोचना को 'चुनिंदा' बताया जो केवल कर्नाटक पर केंद्रित है, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों पर नहीं. शॉ ने पलटवार किया कि उनका शहर और राज्य में दांव लगा है, इसलिए वे चिंतित हैं- ये राजनीति नहीं, नागरिक चिंता है.

शॉ की बात को जनता ने खुलकर समर्थन दिया था. लोगों ने उनकी चिंताओं को दोहराया है और खराब सड़कों और कूड़े की समस्या से जुड़े अपने अनुभव साझा किए.

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