मुर्शिदाबाद: वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, वाहन फूंके

मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर क्षेत्र में वक्फ कानून के विरोध में एक बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी. भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे. देखते ही देखते प्रदर्शन उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया

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मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध के दौरान हिंसा मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध के दौरान हिंसा

अनुपम मिश्रा

  • कोलकाता,
  • 08 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई. जंगीपुर क्षेत्र में आयोजित विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और वक्फ विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

स्थिति उस वक्त बेकाबू हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम करने की कोशिश की. पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो टकराव शुरू हो गया. देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया. कई वाहनों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव भी किया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा.

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झड़प के दौरान कई लोगों के घायल होने की खबर है, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. झड़प के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है और भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, वहीं प्रदर्शनकारियों ने साफ किया है कि जब तक वक्फ संशोधन विधेयक वापस नहीं लिया जाता, उनका विरोध जारी रहेगा.

इधर, भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “पश्चिम बंगाल फिर से आग की लपटों में है. सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी है. इस बार मुर्शिदाबाद में मुस्लिम भीड़ वक्फ अधिनियम के विरोध में सड़कों पर उतर आई है. ममता बनर्जी ने बंगाल के विशाल क्षेत्रों पर नियंत्रण खो दिया है, जो अप्राकृतिक जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध घुसपैठ के कारण राज्य प्रशासन के लिए दुर्गम हो गए हैं. अब वह केवल उनके वोटों की प्रत्याशा में गिड़गिड़ाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती. उन्हें 2026 में जाना ही होगा.”

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वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी गई है चुनौती

बता दें संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई. इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है. कई मुस्लिम संगठन और विपक्षी नेता कानून का विरोध कर रहे हैं. इस क्रम में वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक छह याचिकाएं दायर की गई हैं. इन पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की गई है. कोर्ट ने वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनाती देने वाली इन याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति दे दी है. हालांकि, अभी सुनवाई के लिए कोई निर्धारित तारीख तय नहीं की गई है.

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