बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए अभी तीन दिन भी पूरे नहीं हुए. ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी नहीं ली. और इससे पहले ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग भी उठने लगी है. दरअसल, बंगाल में नतीजों के बाद से हो रही हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल हुई है. इस याचिका में बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की गई है.
ये याचिका इंडिया कलेक्टिव नाम की एक गैर-सरकार संस्था की तरफ से दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से शुरू हुई हिंसा को काबू करने में राज्य सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. याचिका में ये भी कहा गया है कि हिंसा के बावजूद पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश तक नहीं दिए गए हैं. इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश जारी करने पर कोर्ट विचार करे.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता और वकील गौरव भाटिया ने भी बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर याचिका दाखिल की थी. उन्होंने हिंसा की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
बंगाल में हो रही हिंसा के बीच ममता बनर्जी ने मंगलवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर, बंगाल पुलिस के डीजी, गृह सचिव और चीफ सेक्रेटरी के साथ 45 मिनट तक मीटिंग की. प्रधानमंत्री मोदी ने भी बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ से फोन पर बात कर चिंता जाहिर की है.
बंगाल में नतीजे आने के बाद से अब तक 10 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इनमें सिर्फ बीजेपी समर्थक ही शामिल नहीं है. बल्कि टीएमसी और दूसरी पार्टियों के समर्थक भी शामिल हैं. सोमवार को बर्दवान में टीएमसी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी. वहीं, उत्तर 34 परगना में इंडियन सेक्युलर फ्रंट के एक कार्यकर्ता की भी जान जा चुकी है.
बंगाल की 292 विधानसभा सीटों के नतीजे रविवार को आ गए. चुनावों में सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 213 सीटें हासिल की हैं. हालांकि, ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम से बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से करीब दो हजार वोटों से हार गईं. वहीं, बीजेपी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है. अन्य के खाते में दो सीटें आई हैं. लेफ्ट और कांग्रेस का तो सूपड़ा साफ हो गया है.
संजय शर्मा