उत्तर 24 परगना में 5 जनवरी को टीएमसी नेता के घर छापेमारी करने पहुंची टीम पर उनके समर्थकों ने हमला कर दिया था. भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ मौजूद सुरक्षाबल की गाड़ी को भी निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की थी. ईडी ने बंगाल पुलिस द्वारा टीएमसी नेता पर दर्ज की एफआईआर पर सवाल उठाए थे.
अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को सहजहान शेख की गिरफ्तारी में हो रही देरी पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर भरोसा जताया है.
'अधिकारियों ने बताई महत्वपूर्ण जानकारी'
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को कहा कि छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के लिए टीएमसी नेता सहजहान शेख की गिरफ्तारी में देरी पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर उन्हें भरोसा है. अभी मामले की जांच चल रही है. अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण चीजें बताई हैं और उन्हें मैं पूरी तरह से गोपनीय रखना चाहता हूं.
राज्यपाल ने अधिकारियों संग की थी बैठक
राजभवन के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार शाम को मुख्य सचिव बीपी गोपालिका, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती और डीजीपी राजीव कुमार ने राजभवन में सीवी आनंद से मुलाकात की और उन्हें संदेशखली घटना की जांच के बारे में जानकारी दी. उनके और अधिकारियों के बीच यह बैठक करीब एक घंटे तक चली.
राज्यपाल ने दी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
बीते दिनों उन्होंने राज्य सरकार से राशन घोटाले की कार्रवाई के बारे में जानकारी देने को कहा था और इस संबंध में तीन वरिष्ठ अधिकारियों को उनसे मिलने के लिए बुलाया था. वहीं, शनिवार को राज्यपाल ने राज्य सरकार से एक रिपोर्ट पेश करने को कहा था कि सहजहान को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और यह स्पष्ट किया जाए कि क्या वह भारत में है या भारत की सीमा को पार कर गया है.
साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से कानून व्यवस्था मशीनरी की विफलता के लिए जिम्मेदारी तय करने और अपने कर्तव्यों न निभाने वाले पुलिस अधिकारियों पर एक्शन लेने को भी कहा था.
भीड़ ने किया था अधिकारियों पर हमला
बता दें कि 5 जनवरी को सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम राशन घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना स्थित टीएमसी नेता सहजहान शेख के घर और ऑफिस पर छापेमारी करने पहुंची थी. इसी दौरान ईडी की टीम पर ग्रामीणों की भीड़ ने धावा बोल दिया और गाड़ी पर हमला कर दिया. इस हमले में जांच एजेंसी की तीन अधिकारियों को गहरी चोट लगीं थीं.
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