बांग्लादेश ने शेख हसीना के लिए भारत को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा

बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने ऑफिशियली भारत से रिक्वेस्ट की है कि वह इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल से मौत की सज़ा मिलने के बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेज दे. इस कदम से दोनों पड़ोसी देशों के बीच गंभीर आरोपों के बीच डिप्लोमैटिक तनाव और बढ़ गया है.

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स्पेशल बांग्लादेशी ट्रिब्यूनल ने 17 नवंबर को हसीना को मौत की सज़ा सुनाई थी. (File Photo: ITG) स्पेशल बांग्लादेशी ट्रिब्यूनल ने 17 नवंबर को हसीना को मौत की सज़ा सुनाई थी. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:44 AM IST

बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने नई दिल्ली को एक 'ऑफिशियल लेटर' भेजा है, जिसमें देश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) द्वारा मौत की सज़ा सुनाए जाने के बाद, अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक्सट्रैडिशन की मांग की गई है. सरकारी बांग्लादेश संगबाद संस्था (BSS) ने फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर तौहीद हुसैन के हवाले से बिना ज़्यादा जानकारी के बताया, “यह लेटर परसों (शुक्रवार) को भेजा गया था.”

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स्पेशल बांग्लादेशी ट्रिब्यूनल ने 17 नवंबर को 78 साल की हसीना और उस वक्त के होम मिनिस्टर असदुज्जमां खान कमाल को 'इंसानियत के खिलाफ क्राइम' करने के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई थी. उन पर उनकी गैर-मौजूदगी में ट्रायल चला था, जबकि दोनों भारत में रह रहे थे.

इस मामले के तीसरे आरोपी, पूर्व पुलिस चीफ चौधरी अब्दुल्ला अल मामून, जिन्होंने खुद ट्रायल का सामना किया था, उन्हें पांच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई क्योंकि वह 'अप्रूवर' या सरकारी गवाह के तौर पर पेश हुए थे.

स्टूडेंट प्रोटेस्ट के बाद गिरी थी हसीना सरकार

पिछले साल 5 अगस्त को ‘जुलाई विद्रोह’ नाम के स्टूडेंट के हिंसक प्रोटेस्ट में हसीना की अवामी लीग सरकार गिरा दी गई थी. तीन दिन बाद, प्रोटेस्ट कर रहे स्टूडेंट के बुलाने पर नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस पेरिस से अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर के तौर पर चार्ज संभालने के लिए आए.

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हसीना और दो अन्य लोगों पर प्रोटेस्ट करने वालों को काबू में करने के लिए क्रूर तरीके अपनाने का आरोप लगाया गया, जबकि UN राइट्स ऑफिस की रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले साल 15 जुलाई और 15 अगस्त के बीच लगभग 1,400 लोग मारे गए थे.

अंतरिम सरकार ने पिछले साल दिसंबर में हसीना के एक्सट्रैडिशन के लिए एक डिप्लोमैटिक नोट भेजा था, जब भारत ने बिना किसी और कमेंट के सिर्फ इसकी जानकारी दी थी.लेकिन, पिछले हफ़्ते ICT-BD का फ़ैसला आने के कुछ घंटों बाद, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, 'भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बारे में बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के फ़ैसले पर ध्यान दिया है.”

बयान में कहा गया, “एक करीबी पड़ोसी के तौर पर, भारत-बांग्लादेश के लोगों के सबसे अच्छे हितों के लिए कमिटेड है, जिसमें उस देश में शांति, डेमोक्रेसी, इनक्लूजन और स्टेबिलिटी शामिल है. हम इस मकसद से सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ हमेशा कंस्ट्रक्टिव तरीके से जुड़े रहेंगे.”

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लॉ एडवाइज़र आसिफ नज़रुल ने 20 नवंबर को कहा कि अंतरिम सरकार हसीना और उनके होम मिनिस्टर को वापस लाने के लिए दिल्ली को एक लेटर भेजेगी, साथ ही यह भी कहा कि सरकार उन्हें वापस लाने के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट जाने के बारे में भी सोच रही है क्योंकि वे अब 'भगोड़े अपराधी' हैं.

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नज़रुल ने रिपोर्टर्स से कहा, “हम जल्द ही एक मीटिंग करेंगे ताकि यह तय किया जा सके कि इन दोषी लोगों की वापसी के लिए हम इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट जा सकते हैं या नहीं.” तीन दिन बाद, उन्होंने प्लान दोहराते हुए कहा, “हम हसीना और कमाल के एक्सट्रैडिशन के लिए एक लेटर जारी करने जा रहे हैं. हमारा मानना ​​है कि उन्हें वापस करना भारत की एक एक्स्ट्रा ज़िम्मेदारी है.
 

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