खराब सेहत या सियासत? धनखड़ के इस्तीफे की टाइमिंग को लेकर क्यों उठ रहे सवाल

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब संसद के मानसून सत्र का एक ही दिन बीता था. ऐसे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देने की बात कई एक्सपर्ट के गले के नीचे नहीं उतर रही है. उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की टाइमिंग पर कई अटकलों ने भी जन्म लेना शुरू कर दिया है.

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा (Photo: PTI) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:45 PM IST

जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब संसद के मानसून सत्र का एक ही दिन बीता था. ऐसे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देने की बात कई एक्सपर्ट के गले के नीचे नहीं उतर रही है. उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की टाइमिंग पर कई अटकलों ने भी जन्म लेना शुरू कर दिया है. 

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कुछ का कहना है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ और सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं था. ये नाराजगी इतनी बढ़ी की धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं,  कुछ एक्सपर्ट ने कहा कि धनखड़ पिछले कुछ दिनों से किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार के रुख से सहमत नहीं थे. उन्होंने ये मुद्दा सार्वजनिक मंच से भी उठाया था. इसी खींचतान को लेकर धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया.

आजतक संवाददाता मौसमी सिंह कहती हैं कि मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ पूरी सक्रियता से संसद में दिखे. संसद में उन्होंने कई मीटिंग भी ली. सोमवार शाम 6 बजे जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के सांसदों से मुलाकात भी की थी. इस दौरान उन्होंने खराब स्वास्थ्य का कोई जिक्र नहीं किया था. लेकिन इसके 3 घंटे बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

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यही नहीं, जगदीप धनखड़ का ये फैसला इसलिए भी पच नहीं रहा है क्योंकि उनके आगे के कार्यक्रम भी प्रस्तावित थे. 23 जुलाई को धनखड़ का जयपुर दौरा प्रस्तावित था. जहां उपराष्ट्रपति रियल एस्टेट डेवलपर्स संघ के साथ संवाद करने वाले थे. उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से इस कार्यक्रम को लेकर प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई थी. 

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धनखड़ के इस्तीफे पर क्या बोल रहे एक्सपर्ट

राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने आजतक से कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि धनखड़ का ये इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ है. उनके साथ पिछले दिनों कुछ ऐसा हुआ था जिसके चलते वो काफी आहत थे. धनखड़ सरकार के रुख से परेशान थे. उन्होंने अपनी नाराजगी भी कुछ लोगों से शेयर की थी. हालांकि, आशुतोष ने कारणों को स्पष्ट रूप से बताने से इनकार किया और कहा कि दो-चार दिनों में चीजें स्पष्ट हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि मैं कारण जानता हूं लेकिन सार्वजनिक रूप से इसे नहीं बता सकता क्योंकि इससे मेरे सोर्स कंप्रोमाइज होंगे. 

जगदीप धनखड़ (Photo: PTI)

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने कहा कि मैं लंबे समय से जगदीप धनखड़ को जानता हूं. उनकी कार्यशैली से भलीभांति परिचित हूं. वो भारत के सबसे मुखर उपराष्ट्रपति रहे हैं. वो एक फाइटर हैं और ऐसे हार मानने वालों में से नहीं हैं. ये बात तय है कि उनका ये इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों की वजह से नहीं है. ये महज स्वास्थ्य संबंधी मसला नहीं है. इसके पीछे कोई बड़ी वजह जरूर है.

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उन्होंने कहा कि जिस स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया जा रहा है वह इसलिए भी वाजिब नहीं लग रही है क्योंकि खराब स्वास्थ्य का पता उन्हें एक ही दिन में नहीं पता चला होगा. ऐसे में मानसून सत्र के बीच इस्तीफा देना ये बताता है कि कारण कुछ और है.

कांग्रेस सांसद ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि ये हमारे लिए शॉकिंग है, क्योंकि शाम 5.45 बजे मैं उनकी केबिन से बाहर निकला. हमारे साथ जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी भी थे. हमारी जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग के मुद्दे पर चर्चा भी हुई. लेकिन उस समय लगा ही नहीं की उनकी तबीयत खराब है. वो काफी निष्पक्षता से सदन चलाते थे. ये देश की राजनीति के लिए एक बड़ा झटका है. 

जगदीप धनखड़ (Photo: PTI)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति के इस कदम को रहस्यमय बताया है. उन्होंने एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में कहा,  'मैं शाम तकरीबन 5 बजे तक उनके साथ था, कई अन्य सांसद भी मौजूद थे. इसके बाद शाम 7:30 बजे मैंने उनसे फ़ोन पर बात भी की थी. इसमें कोई संदेह नहीं कि धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए. लेकिन यह स्पष्ट है कि उनके इस पूरी तरह से अप्रत्याशित इस्तीफ़े के पीछे जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक कुछ है.'

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अपने इस्तीफे में क्या बोले जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य संबंधी कारणों और चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत अपने इस्तीफे की घोषणा की. राष्ट्रपति मुर्मू को संबोधित अपने पत्र में जगदीप धनखड़ ने लिखा, 'स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं.' उन्होंने राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद को भी उनके सहयोग और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया.

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कार्यकाल पूरा नहीं करने वाले धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति 

जगदीप धनखड़ से पहले दो और उपराष्ट्रपति हुए जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. कृष्ण कांत ने 21 अगस्त, 1997 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. लेकिन 27 जुलाई, 2002 को कार्यकाल के दौरान ही उनका निधन हो गया. इस कारण वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. इसके अलावा, वराहगिरि वेंकट गिरि (V.V. Giri) ने भी 1969 में उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा दे दिया था, ताकि राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकें.

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3 साल भी पद पर नहीं रहे धनखड़

जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. 6 अगस्त, 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था. जगदीप धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले थे. उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे.

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