'ऐसा लगता है कि आप किसी के कंट्रोल में नहीं, अलग दुनिया में रहते हैं', बाबा रामदेव पर HC की सख्त टिप्पणी

दिल्ली हाईकोर्ट हमदर्द की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में बाबा रामदेव की 'शरबत जिहाद' वाली टिप्पणी को चुनौती दी गई है. स्वामी रामदेव के वकील को संबोधित करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे बाबा रामदेव पर किसी का काबू नहीं है. 

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योग गुरु बाबा रामदेव योग गुरु बाबा रामदेव

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने रूह अफजा को शरबत जिहाद बताने वाले बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है. इसके साथ ही अदालत ने रामदेव को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है. 

हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए उन पर सख्त टिप्पणी की है. अदालत ने रूह अफजा से शरबत जिहाद वाली स्वामी रामदेव की टिप्पणी को चुनौती देने वाली याचिका पर अवमानना का नोटिस जारी करत हुए कहा कि बाबा रामदेव किसी के नियंत्रण में नहीं हैं. वो अपनी अलग दुनिया में रहते हैं. 

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दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस अमित बंसल की अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि बाबा रामदेव प्रथम दृष्टया अदालत के पिछले आदेश की भी अवमानना कर रहे हैं.

दरअसल अदालत हमदर्द की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में बाबा रामदेव की 'शरबत जिहाद' वाली टिप्पणी को चुनौती दी गई है. स्वामी रामदेव के वकील को संबोधित करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे बाबा रामदेव पर किसी का काबू नहीं है. 

यह टिप्पणी अदालत ने तब की जब हमदर्द के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद बाबा रामदेव ने एक नया और उसी अंदाज में वीडियो डाला.

इससे पहले बाबा रामदेव के वकील राजीव नैयर ने हाईकोर्ट को बताया था कि आपत्तिजनक वीडियो हटाए जाएंगे. कोर्ट ने उन्हें यह हलफनामा दायर करने को भी कहा था कि वे भविष्य में ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे.

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शरबत विवाद के बाद स्वामी रामदेव ने कहा था कि मैंने तो किसी का नाम भी नहीं लिया है. लेकिन रूह अफजा वालों ने अपने ऊपर 'शरबत जिहाद' ले लिया. इसका साफ-साफ मतलब है कि वे यह 'जिहाद' कर रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले 22 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के रूह अफजा को शरबत जिहाद बताने वाले बयान पर कड़ी नाराजगी जताई थी. जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने कहा था कि उनका यह बयान अक्षम्य और अदालत की अंतर्रात्मा को झकझोर देने वाला है. 

कोर्ट ने इसे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला और नफरत फैलाने वाला माना था. रामदेव के वकील ने कोर्ट को बताया था कि विवादित वीडियो सोशल मीडिया से हटाया जा रहा है.

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