असम सरकार अब मोटापे के शिकार आईपीएस, एपीएस अफसरों के समेत अन्य पुलिसकर्मियों को वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) देने जा रही है. डीजीपी जीपी सिंह ने ट्विटर पर यह जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया- सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देशों पर पुलिस मुख्यालय ने IPS, असम पुलिस सर्विस के अधिकारियों और कर्मियों के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की प्रोफेशनल रिकॉर्डिंग करने का निर्णय लिया है. उन्होंने लिखा- हम 15 अगस्त तक सभी अफसरों और पुलिसकर्मियों को समय दे रहे हैं, फिर इसके बाद अगले 15 दिन में बीएमआई मूल्यांकन शुरू करेंगे. असम के डीजीपी का मंगलवार को सबसे पहले बीएमआई चेक किया गया. उन्होंने बताया कि मूल्यांकन में जो सभी जो मोटापे (बीएमआई 30+) श्रेणी में पाए जाएंगे, उन्हें वजन कम करने के लिए (नवंबर के अंत तक) तीन महीने का समय दिया जाएगा. इसके बाद उन्हें वीआरएस का विकल्प दिया जाएगा. हालांकि इनमें उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा जो थायराइड जैसी बीमारी से पीड़ित हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक असम पुलिस ने 650 पुलिसकर्मियों की सूची बनाई है. इनमें वैसे पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है जो शराब पीने के आदी, मोटापे के शिकार और ड्यूटी के लिए अयोग्य हैं. असम पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने 8 मई को बताया था कि इन पुलिसकर्मियों के संबंध में विस्तृत जांच के बाद उन्हें वालेंटरी रिटायरमेंट (वीआरएस) का विकल्प दिया जाएगा.
डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पुलिस को ऐसे कर्मियों से छुटकारा दिलाने के लिए सभी शाखा में यह कदम उठाया जा रहा है. हमारे पास कर्मचारियों की सूची है, लेकिन यह पुख्ता करने के लिए कि इसमें कोई भी नाम बिना किसी ठोस आधार के न जुड़े हमने बटालियन और जिलों में कमेटी गठित की है. कमेट की अध्यक्षता डिप्टी कमांडेंट या एएसपी-रैंक के अधिकारी करेंगे. कमेटी अपनी रिपोर्ट एसपी या बटालियन कमांडेंट को सौंपेगी. वह अपनी ओर से जांच करने के बाद इसे पुलिस हेडक्वार्टर को भेजेंगे. इसके बाद कमेटी की ओर से सूची की एक बार फिर से समीक्षा की जाएगी.
पीटीआई के मुताबिक कमेटी में ट्रेनिंग, सशस्त्र पुलिस विंग के अलावा लॉ एंड ऑर्डर और प्रशासन से संबंधित लोग शामिल होंगे. इसके बाद कमेटी अंतिम रूप से उन लोगों की सूची तैयार करेगी, जिन्हें वीआरएस का विकल्प दिया जाएगा. नाम को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा. जिस कर्मचारी का नाम इस सूची में शामिल होगा और वह वीआरएस नहीं लेना चाहेगा तो उसे फील्ड ड्यूटी नहीं दी जाएगी.
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