असम के पोलीगेमी बैन लॉ में कितनी सजा-किसे छूट? क्या इसके प्रावधान मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर होंगे

असम सरकार बहुविवाह पर नकेल कसने के लिए नया कानून लाने जा रही है. इस कानून को हिमंत बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और इसे 25 नवंबर को असम विधानसभा में पेश किया जाएगा.

Advertisement
सीएम हिमंता ने किया नए कानून का ऐलान (Photo: ITG) सीएम हिमंता ने किया नए कानून का ऐलान (Photo: ITG)

aajtak.in

  • गुवाहाटी,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

असम में सरकार ने अब एक से अधिक विवाह पर सख्त रुख अपना लिया है. असम सरकार इस पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून लाने जा रही है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की अगुवाई में रविवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इससे संबंधित असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलिगैमी बिल 2025 को मंजूरी दे दी गई. इस बात की जानकारी खुद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दे दी है.

Advertisement

इस कानून के तहत एक से अधिक विवाह करने पर सात साल तक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. कैबिनेट ने बहुविवाह की पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष मुआवजे को भी मंजूरी दी है. बहुविवाह का शिकार हुई महिलाओं के लिए विशेष मुआवजा फंड बनाया जाएगा. सीएम हिमंत ने कैबिनेट मीटिंग के बाद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि समाज में समानता और महिलाओं की गरिमा की रच्छा करना सरकार का उद्देश्य है.

सीएम हिमंत ने कहा कि यह बिल अब 25 नवंबर को असम विधानसभा में पेश किया जाएगा. इस बिल को 'The Assam Prohibition of Polygamy Bill, 2025' नाम दिया गया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि असम कैबिनेट ने आज बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले बिल को मंजूरी दे दी है.

सीएम हिमंत ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को इस अपराध में दोषी पाया गया, तो उसे सात साल तक की सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बहुविवाह की पीड़ित महिलाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए एक नया फंड बनाएगी. सीएम ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य आर्थिक कठिनाइयो से निजात दिलाकर आत्मनिर्भर जीवन जीने का अवसर देना है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'असम में टैलेंट नहीं...' प्रियांक खड़गे पर भड़के असम के CM हिमंता, बोले- वो अव्वल दर्जे के मूर्ख

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून में छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों को छूट दी जा सकती है. इन इलाकों में विशेष स्वायत्तता वाले जनजातीय प्रावधान लागू हैं. यानी करबी आंगलोंग और दीमा हसाओ जैसे पहाड़ी जिलों के साथ ही बोडो टेरिटोरियल रीजन (BTR) के तहत आने वाले पांच जिले भी इस नए कानून के दायरे से बाहर रहेंगे.

यह भी पढ़ें: बहुविवाह पर लगेगा ब्रेक! असम में नया कानून ला रही हिमंता सरकार, तोड़ने पर होगी कम से कम 7 साल की जेल

इस कानून में आदिवासी समाज को छूट दी गई है, लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या ये मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर होगा? मुस्लिम समाज में भी विवाह को लेकर अपने नियम हैं. राज्य सरकार का कहना है कि बहुविवाह विरोधी कानून असम को सामाजिक सुधार और लैंगिक समानता की दिशा में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement