चेक बाउंस केस में मोहाली कोर्ट ने सुनाया फैसला, अरुणाचल प्रदेश के BJP विधायक समेत तीन को 2 साल की जेल

कानूनी नोटिस के बावजूद आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया था. मोहाली के जेएमआईसी अभय राजन शुक्ला की अदालत ने दोषियों द्वारा कानून की अवहेलना का हवाला देते हुए नरमी बरतने की याचिका खारिज कर दी, हालांकि कोर्ट ने उन्हें उच्च अदालत में अपील के लिए जमानत दे दी.

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चेक बाउंस मामले में अरुणाचल के भाजपा विधायक रायतु तेची को दो साल की जेल. (Aajtak Photo) चेक बाउंस मामले में अरुणाचल के भाजपा विधायक रायतु तेची को दो साल की जेल. (Aajtak Photo)

अमन भारद्वाज

  • मोहाली,
  • 13 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

अरुणाचल प्रदेश के एक मौजूदा विधायक और तीन अन्य को चेक बाउंस मामले में मोहाली के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम अभय राजन शुक्ला की अदालत ने बुधवार को दो साल के कारावास की सजा सुनाई. अरुणाचल प्रदेश के सागली से भाजपा विधायक रायतु तेची और टीके इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को चेक बाउंस मामले में यह सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने तीनों पर कुल ₹5.55 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला जीटीसी-एम-ट्रेड्ज एलएलपी से खरीदी गई निर्माण सामग्री के लिए जारी किए गए ₹50 लाख मूल्य के चेक बाउंस होने से जुड़ा है.

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कानूनी नोटिस के बावजूद आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया था. मोहाली के जेएमआईसी अभय राजन शुक्ला की अदालत ने दोषियों द्वारा कानून की अवहेलना का हवाला देते हुए नरमी बरतने की याचिका खारिज कर दी, हालांकि कोर्ट ने उन्हें उच्च अदालत में अपील के लिए जमानत दे दी. दोषियों में शामिल 60 वर्षीय रायतु तेची पापुम पारे जिले के सागली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं, जिन्हें 2024 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में निर्विरोध चुना गया था.

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शिकायतकर्ता कुलविंदर सिंह ग्रेवाल के वकील इजविंदर सिंह गिल ने कहा कि चेक दो बार बाउंस हुए- पहली बार 25 फरवरी, 2020 को और फिर उसी साल 31 मार्च को- बैंक ने 'इंसफिशिएंट फंड' का हवाला दिया. उसके बाद भेजे गए कानूनी नोटिस के बावजूद, आरोपियों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला. मुकदमे के दौरान बचाव पक्ष ने नरमी बरतने की अपील की और कहा कि आरोपी वरिष्ठ नागरिक हैं और पहली बार अपराध कर रहे हैं. हालांकि, शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि अन्य लोगों को इसी तरह का आचरण करने से रोकने के लिए अधिकतम सजा दी जाए.

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अपने फैसले में न्यायाधीश अभय राजन शुक्ला ने कहा, 'दोषियों ने देश के कानून के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई. ऐसे अनुचित कृत्यों के प्रति नरम रुख अपनाने से हमारे समाज में अराजकता को और बढ़ावा मिलेगा, जो पहले से ही एक गंभीर दौर से गुजर रहा है.' अदालत ने कहा कि मामले के लंबित रहने के दौरान दोषियों द्वारा पहले ही भुगतान की गई और शिकायतकर्ता द्वारा स्वीकार की गई कोई भी राशि मुआवजे में से काट ली जाएगी.

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