'चीन का मेगा डैम भारत के लिए वॉटर बम', अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू की चेतावनी

सीएम पेमा खांडू ने आशंका जताई कि चीन इस मेगा डैम का इस्तेमाल कभी भी बड़े स्तर पर पानी छोड़ने के लिए कर सकता है, जिससे अरुणाचल की सियांग घाटी में भीषण बाढ़ आ सकती है. उन्होंने कहा कि इससे खासकर आदिवासी समूहों जैसे आदि जनजाति को बड़ा नुकसान हो सकता है, उनकी भूमि, संपत्ति और जान जोखिम में पड़ सकती है.

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चीन 1.14 लाख करोड़ रुपये की लागत से मेगा डैम बना रहा है चीन 1.14 लाख करोड़ रुपये की लागत से मेगा डैम बना रहा है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:24 PM IST

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी (तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो) पर बनाए जा रहे मेगा डैम को भारत के लिए 'वॉटर बम' बताते हुए गंभीर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट सिर्फ पर्यावरणीय या जल सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि अस्तित्व के लिए भी खतरा है, ये सैन्य खतरे के अलावा किसी भी अन्य समस्या से बड़ा होगा. जो सीमावर्ती जनजातियों के जीवन, भूमि और संसाधनों को तबाह कर सकता है.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पेमा खांडू ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय जल संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है, और यही सबसे बड़ी चिंता है. अगर चीन इस संधि पर हस्ताक्षर करता, तो उसे नदी के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों के लिए पानी छोड़ना पड़ता, जिससे भारत खासकर अरुणाचल और असम को फायदा होता. लेकिन वर्तमान में चीन पर किसी तरह की वैधानिक बाध्यता नहीं है, और इसी वजह से भारत के लिए खतरा बढ़ गया है.

चीन कर सकता है ये गड़बड़ी

सीएम पेमा खांडू ने आशंका जताई कि चीन इस मेगा डैम का इस्तेमाल कभी भी बड़े स्तर पर पानी छोड़ने के लिए कर सकता है, जिससे अरुणाचल की सियांग घाटी में भीषण बाढ़ आ सकती है. उन्होंने कहा कि इससे खासकर आदिवासी समूहों जैसे आदि जनजाति को बड़ा नुकसान हो सकता है, उनकी भूमि, संपत्ति और जान जोखिम में पड़ सकती है.

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1.14 लाख करोड़ की लागत से बन रहा डैम

चीन की ये डैम परियोजना (यारलुंग त्सांगपो मेगा डैम) करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये (137 अरब डॉलर) की लागत से बनाई जा रही है और इससे 60 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन का अनुमान है, जो दुनिया की सबसे बड़ी हाइड्रोपावर परियोजना होगी. इसका ऐलान 2021 में किया गया था और निर्माण कार्य 2024 में शुरू हुआ है.

भारत ने भी बनाई योजना

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर एक 'सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट' की योजना बनाई है, जो चीन की संभावित जल आक्रामकता से निपटने में एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा. इस परियोजना के तहत राज्य की जलभंडारण और नियंत्रण क्षमता विकसित की जा रही है, ताकि बाढ़ की स्थिति में नियंत्रण रखा जा सके. उन्होंने कहा कि चीन किसी भी जानकारी को साझा नहीं करता और इसलिए भारत को अपने स्तर पर तैयारी करनी होगी. खांडू ने बताया कि वे स्थानीय जनजातियों के साथ बैठक करने जा रहे हैं, ताकि लोगों को इस मुद्दे पर जागरूक किया जा सके.

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