CRPF-ITBP के रहे DG, तीन दशक का अनुभव... जानें कौन हैं डिप्टी NSA अनीश दयाल सिंह

आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह के पास तीन दशक से अधिक का अनुभव है. वह सीआरपीएफ और आईटीबीपी के डीजी रह चुके हैं. काउंटर-इंसर्जेंसी और काउंटर-टेररिज्म में उनकी विशेषज्ञता भारत की सुरक्षा नीतियों को मजबूत करेगी. वे NSA और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकवाद, उग्रवाद और साइबर खतरों से निपटने में अहम भूमिका निभाएंगे.

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अनीश दयाल सिंह एनएसए अजित डोभाल के साथ मिलकर काम करेंगे. (Photo- ITG) अनीश दयाल सिंह एनएसए अजित डोभाल के साथ मिलकर काम करेंगे. (Photo- ITG)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह, भारत के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र (NSA) नियुक्त किए गए हैं. यह जिम्मेदारी उनके लंबे अनुभव और सुरक्षा मामलों में गहरी समझ को ध्यान में रखते हुए दी गई है.

अनीश दयाल सिंह का करियर तीन दशक से अधिक का रहा है, जिसमें उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया. वह सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) और इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं. इन पदों पर रहते हुए उन्होंने सुरक्षा और इंटेलिजेंस से जुड़े मामलों में गहरा अनुभव हासिल किया. यही अनुभव अब उनके नए रोल में बेहद काम आएगा.

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डिप्टी NSA के तौर पर अनीश दयाल सिंह, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र के साथ काम करेंगे. उनका काम देश की नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े अहम मुद्दों पर स्ट्रैटेजिक एडवाइस देना होगा. खासतौर पर काउंटर-इंसर्जेंसी और काउंटर-टेररिज़्म में उनकी विशेषज्ञता भारत की सुरक्षा नीतियों को दिशा देने में अहम योगदान देगी.

भारत को सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर रहेगा फोकस

यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत कई तरह की सिक्योरिटी चैलेंजेज का सामना कर रहा है. इनमें आतंकवाद, उग्रवाद और साइबर थ्रेट्स जैसी चुनौतियां शामिल हैं. ऐसे माहौल में अनीश दयाल सिंह का अनुभव भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में सहायक होगा.

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IB और R&AW के साथ कोऑर्डिनेशन में काम करेंगे

डिप्टी NSA का दायित्व केवल पॉलिसी मेकिंग तक सीमित नहीं रहेगा. उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) जैसी अन्य सिक्योरिटी एजेंसियों के साथ नजदीकी कोऑर्डिनेशन भी करना होगा. यह कोऑर्डिनेशन इसलिए जरूरी है ताकि अलग-अलग स्तर पर काम करने वाली एजेंसियां एक साझा रणनीति के तहत आगे बढ़ें और सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया दी जा सके.

अनीश दयाल सिंह की नियुक्ति भारत की नेशनल सिक्योरिटी फ्रेमवर्क को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि उनके अनुभव और मार्गदर्शन से देश की सुरक्षा नीतियां और भी मजबूत और असरदार बनेंगी.

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