‘रिश्तों में भरोसा-सहयोग बढ़ाना होगा…’, NSA अजित डोभाल से मिलकर बोले चीनी विदेश मंत्री वांग यी

चीन के विदेश मंत्री और एनएसए अजीत डोभाल के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई. इस दौरान चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि रिश्तों में सहयोग और भरोसा को बढ़ाना होगा. हम दोनों देश एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी नहीं हैं.

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चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अजीत डोभाल के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात (Photo: X@/MEAIndia) चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अजीत डोभाल के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात (Photo: X@/MEAIndia)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST

एक तरफ जहां अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर दूरियां बढ़ती जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर चीन के साथ रिश्ते अच्छे होते नजर आ रहे हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी 18-19 अगस्त को दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के निमंत्रण पर वह दिल्ली आए हैं. 

आज (मंगलवार) को चीनी विदेश मंत्री और एनएसए अजीत डोभाल के बीच भारत-चीन सीमा विवाद (LAC) को लेकर विशेष 'स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव' वार्ता के 24वें दौर के बैठक में मुलाकात हुई. इस दौरान सीमा पर तनाव कम करने, शांति बढ़ाने और विवाद को सुलझाने पर दोनों पक्षों के बीच चर्चा हुई. 

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चीन के विदेश मंत्री ने क्या कहा?

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अजीत डोभाल से मुलाकात कर कहा कि दोनों देशों को अपने रिश्तों को स्वस्थ और स्थिर दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे पर विश्वास और समर्थन करना चाहिए ताकि द्विपक्षीय संबंधों का विकास हो सके.

वांग यी ने कहा कि दोनों देशों को रिश्तों के लिए अनुकूल माहौल बनाना होगा और सीमा नियंत्रण और सीमांकन वार्ताओं जैसे क्षेत्रों में सहमति को मजबूत करना होगा. बैठक में यह भी तय हुआ कि अगली सीमा वार्ता 2026 में चीन में आयोजित की जाएगी. दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि सहयोग और संवाद ही संबंधों को नई दिशा देने का सबसे अच्छा रास्ता है.
यह भी पढ़ें: भारत-पाकिस्तान के बीच कैसे तालमेल बैठाएगा चीन? सवाल पर चीनी प्रवक्ता ने दिया ये जवाब

जयशंकर से मिले वांग यी

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इससे पहले सोमवार को वांग यी और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के बीच मुलाक़ात हुई थी. इस दौरान चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि बदलती दुनिया में एकतरफा धमकियां और फैसले नहीं चलेंगे. उन्होंने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे को प्रतिद्वंदी के रूप में नहीं, बल्कि एक साझेदार के रूप में देखें. 

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