AMU को अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग पर SC में फैसला सुरक्षित

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कपिल सिब्बल के अंतिम रिजॉइंडर के साथ पूरी हो गई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने सात दिन सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. 

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने आठ दिनों की लंबी सुनवाई के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए अल्पसंख्यक दर्जे की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

अदालत अब ये तय करेगा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाए या नहीं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कपिल सिब्बल के अंतिम रिजॉइंडर के साथ पूरी हो गई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने सात दिन सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. 

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दरअसल पीठ अपने फैसले में तय करेगी कि एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाना संविधान और विधिसम्मत है या नहीं. इस मामले में 11 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने रजिस्ट्रार के जरिए मूल याचिका दायर की हैं. याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, राजीव धवन, एमआर शमशाद ने दलीलें रखीं.

दूसरी ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, नीरज किशन कौल, राकेश द्विवेदी ने दलीलें दी. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने भी कोर्ट को इस संवैधानिक मामले पर जानकारी दी.

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