अहमदाबाद विमान हादसे की जांच से नाखुश कैप्टन सुमित के पिता, पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, न्यायिक जांच की मांग की

एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 दुर्घटना की चल रही जांच में विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी से व्यथित होकर दिवंगत कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने याचिका में एआई 171 दुर्घटना की जांच के लिए "न्यायालय निगरानी समिति" के गठन की मांग की गई है

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अहमदाबाद विमान हादसा :सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कैप्टन सुमित के पिता. (Photo:ITG) अहमदाबाद विमान हादसा :सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कैप्टन सुमित के पिता. (Photo:ITG)

सृष्टि ओझा / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

अहमदाबाद विमान हादसे AI 171 में मारे गए पायलट सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल ने इस हादसे की जांच में विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस याचिका में उन्होंने दुर्घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत जांच के लिए एक अदालत निगरानी वाली समिति या कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित करने की मांग की है. इस हादसे में 241 समेत 260 लोग मारे गए थे.

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पुष्कराज सभरवाल ने इंडियन पायलट्स फेडरेशन (एफआईपी) के साथ मिलकर 10 अक्टूबर को एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें हादसे की निष्पक्ष जांच के लिए एक "न्यायिक निगरानी समिति" गठित करने की मांग की गई है.

'जांच में विश्वसनीयता की कमी'

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे हादसे की जांच में विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी से गंभीर रूप से व्यथित हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि एएआईबी ने पायलट की गलती को मुख्य कारण बताकर जांच की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता से समझौता किया है.

उन्होंने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में इंजनों की थ्रस्ट हानि का कारण ईंधन कंट्रोल स्विच का रन से कटऑफ स्थिति में चला जाना बताया गया, लेकिन विमान के डिजाइन स्तर की संभावित कमियों की जांच नहीं की गई.

याचिका में कहा गया है कि स्विच का अचानक मूवमेंट अविश्वसनीय है और एएआईबी ने पायलटों पर दोषारोपण की कथा गढ़कर जांच की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता को समझौता किया है. इससे आईसीएओ एनेक्स 13 के तहत गंभीर कानूनी और अंतरराष्ट्रीय दायित्व उत्पन्न हो गए हैं.

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प्रारंभिक रिपोर्ट पर आपत्ति

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए इंडिया) ने भी जुलाई में प्रारंभिक रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी, इसे जल्दबाजी में तैयार और दबाव में बताया था. एएलपीए ने पायलटों की संभावित गलती पर सवाल उठाए थे. उन्होंने बताया कि कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था.

लंदन गैटविक के लिए उड़ान संख्या एआई171 का संचालन करने वाले दुर्भाग्यपूर्ण बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के पायलटों में से एक, कैप्टन सुमित सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्करराज सभरवाल ने पहले नागरिक उड्डयन सचिव और एएआईबी के महानिदेशक को पत्र लिखकर विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम, 2017 के नियम 12 के तहत औपचारिक जांच की मांग की थी.

दिवंगत कैप्टन के पिता ने लिखा पत्र

29 अगस्त को लिखे अपने पत्र में पुष्कराज ने कहा कि दुर्घटना के बारे में चुनिंदा जानकारी लीक होने से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनका बेटा भारी मनोवैज्ञानिक दबाव में है और आत्महत्या के बारे में सोच रहा है.

पत्र में कहा गया है, 'इन बातों से मेरे स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के साथ-साथ कैप्टन सुमीत सभरवाल की प्रतिष्ठा पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है. इनसे कैप्टन सभरवाल की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत भारत के नागरिक को प्रदत्त मौलिक अधिकार है.'

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इंजन बंद होने से पैदा हुई भ्रम की स्थिति

एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया था कि विमान के दोनों इंजनों को ईंधन की आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल में बंद कर दी गई थी, जिससे उड़ान भरने के तुरंत बाद कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी.

रिपोर्ट में कहा गया है, 'कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने विमान क्यों रोका। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया.'

प्रारंभिक रिपोर्ट जारी होने के बाद अटकलों के बीच, एएआईबी ने स्पष्ट किया था कि दुर्घटना के कारणों पर निश्चित निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी और अंतिम रिपोर्ट में मूल कारणों की पहचान की जाएगी, तथा सभी से समय से पहले कोई भी कहानी फैलाने से बचने का आग्रह किया गया था.

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