अहमदाबाद प्लेन क्रैश: बेटे का शव तो मिला लेकिन पीड़ित परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नहीं

चाय की दुकान परिवार की आजीविका का मुख्य स्रोत थी, जबकि सुरेश पाटनी कुछ आय के लिए ऑटोरिक्शा चलाते हैं. हालांकि इतने दिनों बाद भी उन्हें अधिकारियों की तरफ से किसी मुआवजे के बारे में कोई खबर नहीं मिली है.

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अहमदाबाद प्लेन क्रैश अहमदाबाद प्लेन क्रैश

विद्या

  • मुंबई,
  • 18 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:13 AM IST

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया विमान हादसे के वक्त समय चाय की दुकान के पास सो रहे आकाश पाटनी (14) का शव उनके परिवार को सौंप दिया गया. आकाश पाटनी के पिता सुरेश पाटनी ने बताया कि उन्हें सोमवार की देर रात शव ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन वे रात में शव का अंतिम संस्कार नहीं कर सकते थे, इसलिए उन्होंने मंगलवार की सुबह के वक्त शव लिया.

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शवगृह द्वारा पाटनी परिवार को सौंपे गए शव के ऊपर गुलाब के फूलों का बिस्तर बिछाया गया था, जबकि मंगलवार की सुबह शव को ले जाने वाली शवयात्रा के दौरान चामुंडा श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर एक पेड़ पर आकाश के मुस्कुराते चेहरे वाला पोस्टर लटका दिया गया था.

खाना लेकर आया था बेटा और...

सुरेश पाटनी ने बताया कि उनकी पत्नी सीता बेन पाटनी, जो आधी जल गई थीं, अब ठीक हो रही हैं और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह ठीक हो रही हैं. हालांकि उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई है कि उन्हें सिविल अस्पताल से कब छुट्टी मिलेगी.

सीता बेन हादसे वाली जगह के पास चाय की दुकान चलाती थीं और 12 जून को जब विमान मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो आकाश उन्हें दोपहर का खाना देने आया था. सीता बेन तो झुलसने के बाद भी घटनास्थल से भागने में सफल रहीं, लेकिन आकाश उन्हें लंच बॉक्स देकर सो गया और फिर कभी नहीं उठा. 

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मुआवजे का कोई पता नहीं...

चाय की दुकान ही परिवार की आजीविका का मुख्य स्रोत थी, जबकि सुरेश पाटनी कुछ आय के लिए ऑटोरिक्शा चलाते हैं. हालांकि इतने दिनों बाद भी उन्हें अधिकारियों की तरफ से किसी मुआवजे के बारे में कोई खबर नहीं मिली है. 

सुरेश पाटनी का कहना है कि किसी ने भी उनसे किसी तरह के मुआवजे के बारे में संपर्क नहीं किया है. वे कहते हैं कि अगर विमान में सवार यात्रियों को मुआवजा मिलता है, तो उनके जैसे लोगों को भी मुआवजा मिलना चाहिए, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है. उन्हें उम्मीद है कि कोई न कोई उनसे इस बारे में संपर्क करेगा.

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