फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (Federation of Indian Pilots) ने अहमदाबाद एयर इंडिया क्रैश की जांच पर सवाल उठाए हैं. फेडरेशन ने एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की जांच रोकने और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू करने की मांग की है. फेडरेशन का कहना है कि एएआईबी (AAIB) जांच पर भरोसा नहीं है. हमारा मानना है कि बोइंग और हनीवेल (फ्यूल कंट्रोल स्विच बनाने वाली कंपनी) पायलटों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर सकते हैं.
कैप्टन सी.एस. रंधावा ने इंडिया टुडे से कहा कि अगस्त में कैप्टन सबरवाल के दुख में डूबे पिता पी. सबरवाल के पास दो डॉक्टर गए थे. उन्होंने उनकी मानसिक स्थिति के बारे में सवाल किए और ईंधन नियंत्रण स्विच का भी जिक्र किया.
फेडरेशन ने सवाल उठाया कि एएआईबी (AAIB) के अधिकारी कैप्टन सबरवाल के पिता से क्यों मिले और उनका मकसद क्या था.
जांच रोकने की मांग...
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और MoCA सचिव को पत्र लिखकर अपनी चिंताओं को दोहराया है. उन्होंने मांग की है कि एएआईबी (AAIB) की जांच को रोका जाए और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जब दो समानांतर जांच नहीं हो सकतीं, तो एएआईबी (AAIB) की जांच को रोकना जरूरी है.
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दोष मढ़ने की कोशिश...
फेडरेशन ने आरोप लगाया है कि बोइंग और हनीवेल मिलकर पायलटों को दोषी ठहराने की कोशिश कर सकते हैं. उनका कहना है कि बोइंग ने पिछले हादसों में भी ऐसा किया है. फेडरेशन ने यह भी कहा कि क्या हम दूसरे हादसे का इंतजार कर रहे हैं? सुरक्षा मानदंडों में सुधार के लिए दुर्घटना का कारण जल्द से जल्द पहचाना जाना चाहिए.
अमित भारद्वाज