Explainer: आधार से वोटर कार्ड जुड़ेगा तो क्या होगा, मोदी कैबिनेट का सुधार प्रस्ताव कितना जरूरी?

Aadhaar-Voter Card Link: चुनाव सुधार से जुड़े एक अहम बिल को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसके बाद वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा. दावा है कि इससे चुनावों में फर्जी वोटिंग को रोकने में मदद मिलेगी. इस बिल को इसी सत्र में पेश किया जा सकता है.

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वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की थी. (फाइल फोटो-PTI) वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की थी. (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST
  • चुनाव सुधार से जुड़े बिल को कैबिनेट की मंजूरी
  • वोटर आईडी और आधार को किया जाएगा लिंक
  • संसद के इसी सत्र में पेश हो सकता है बिल

Aadhaar-Voter Card Link: मोदी कैबिनेट ने बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे दी. इस बिल के संसद में पास होते ही वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने की मंजूरी मिल जाएगी. चुनाव आयोग (Election Commission) ने अगस्त 2019 में चुनाव सुधार के लिए सिफारिश की थी. लेकिन आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से क्या बदल जाएगा? क्यों किया जा रहा है ऐसा? 

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क्या है चुनाव सुधार का नया बिल?

- बुधवार को मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने चुनाव सुधार से जुड़े एक अहम बिल को मंजूरी दी है. इसमें फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में दोहराव को रोकने के लिए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान है. इसके साथ ही वोटर लिस्ट में भी साल में 4 बार नाम दर्ज करवाने का प्रावधान है. 

- इस बिल में सर्विस वोटर्स के लिए चुनावी कानून को 'जेंडर न्यूट्रल' भी बनाया जाएगा. इससे महिला कर्मचारियों के पति भी सर्विस वोटर में शामिल हो जाएंगे. अभी तक ऐसा नहीं था. मसलन, पुरुष फौजी की पत्नी सर्विस वोटर के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती थी, लेकिन महिला फौजी का पति ऐसा नहीं कर सकता था.

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आधार को वोटर आईडी से लिंक क्यों?

- चुनावों में फर्जी वोटिंग के मामले कई बार सामने आ चुके हैं. इसके अलावा कई लोग वोटर लिस्ट में कई बार अपना नाम दर्ज करवा लेते थे. इससे चुनावों में धांधली होती थी. ये सब रोकने के लिए चुनाव आयोग वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करना चाहता था.

- चुनाव आयोग ने 2015 में वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करने की योजना पर काम शुरू भी कर दिया था. लेकिन कुछ ही महीने बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने वोटर आईडी और आधार को लिंक करने की योजना पर रोक लगा दी. 

-  अब सरकार चुनाव सुधार से जुड़ा बिल लेकर आ रही है, जिसके बाद वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक किया जा सकेगा. क्योंकि एक व्यक्ति को एक ही आधार कार्ड जारी होता है, इसलिए इससे फर्जी वोटर कार्ड बनने पर लगाम लगाई जा सकेगी.

और क्या फायदा होगा इस बिल से?

- इस बिल में वोटर लिस्ट में साल में 4 बार नाम दर्ज करवाने का प्रावधान भी है. अभी तक साल में एक ही बार वोटर लिस्ट में अपना नाम रजिस्टर्ड करवा सकते थे. 

- अभी तक 1 जनवरी कट ऑफ डेट हुआ करती थी. इससे ये होता था कि अगर कोई युवा 2 जनवरी को 18 साल का हो रहा है तो उसे वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए एक साल का लंबा इंतजार करना पड़ता था.

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- लेकिन अब साल में 4 बार नाम रजिस्टर करा सकते हैं. इसके लिए 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को नाम रजिस्टर्ड करा सकेंगे. 

कब आएगा ये बिल?

इस बिल को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश किए जा सकता है. कैबिनेट की ओर से इसे मंजूरी मिल ही चुकी है. इस बिल के कानून बनने के बाद चुनाव आयोग को किसी भी जगह को चुनाव के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार भी मिल जाएगा. अभी अगर आयोग किसी चुनाव के लिए स्कूल वगैरह का इस्तेमाल करता था, तो कई आपत्तियां होती थीं.

 

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