आर्डिनेंस फैक्ट्रियों में पिछले साल 62 दुर्घटनाएं हुईं, सरकार ने संसद में दी जानकारी

सरकार ने बताया कि मृतक कर्मचारियों के परिवारों और घायल कर्मचारियों को मुआवजा और समर्थन "कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923" के प्रावधानों के अनुसार और संबंधित DPSUs की नीतियों के अनुसार प्रदान किया जाता है.

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संसद का बजट सत्र. संसद का बजट सत्र.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:38 AM IST

केंद्र सरकार ने संसद में सोमवार को बताया कि पिछले साल यानी 2024 में देशभर की आर्डिनेंस फैक्ट्रियों में 62 औद्योगिक दुर्घटनाओं की खबर सामने आई है. रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. सुरजेवाला ने पिछले पांच वर्षों में शस्त्रागार फैक्ट्रियों में हुई औद्योगिक दुर्घटनाओं को लेकर सरकार से सवाल पूछा था. इनमें विस्फोट की घटनाएं भी शामिल थीं.

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केंद्र सरकार ने क्या बताया

अपने जवाब में मंत्री ने बताया कि 2024 में शस्त्रागार फैक्ट्रियों (जो अब DPSUs हैं) में 62 दुर्घटनाएं, 2023 में 75, 2022 में 83, 2021 में 74 और 2020 में 54 दुर्घटनाएं रिपोर्ट की गईं. मंत्रालय से यह भी पूछा गया था कि मृतक कर्मचारियों के परिवारों और घायल कर्मचारियों को मुआवजा और समर्थन प्रदान करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं और क्या सरकार घायल कर्मचारियों के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य देखभाल या पुनर्वास समर्थन पर विचार कर रही है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो लंबे समय तक शारीरिक या मानसिक आघात से पीड़ित हो सकते हैं.

मंत्री ने बताया कि मृतक कर्मचारियों के परिवारों और घायल कर्मचारियों को मुआवजा और समर्थन "कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923" के प्रावधानों के अनुसार और संबंधित DPSUs की नीतियों के अनुसार प्रदान किया जाता है.

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उन्होंने कहा, "लंबे समय तक शारीरिक या मानसिक आघात से पीड़ित घायल कर्मचारियों को दीर्घकालिक स्वास्थ्य देखभाल समर्थन संबंधित DPSUs द्वारा सरकार और DPSU की नीतियों के अनुसार प्रदान किया जा रहा है."

सरकार से यह भी पूछा गया था कि क्या शस्त्रागार फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों और विनियमों की समीक्षा करने की कोई योजना है, खासकर विस्फोटक पदार्थों के संचालन और भंडारण के संदर्भ में.

संजय सेठ ने कहा, "पूर्व शस्त्रागार फैक्ट्रियां (अब DPSUs) विस्फोटक पदार्थों के संचालन और भंडारण के मामले में केंद्रीय अग्नि, विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा केंद्र (CFEES) द्वारा दिए गए सुरक्षा मानकों और विनियमों से शासित होती हैं, जिन्हें समय-समय पर समीक्षा किया जाता है."

उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा, विभिन्न एजेंसियों द्वारा सुरक्षा ऑडिट की एक संस्थागत व्यवस्था है, जिसमें CFEES भी शामिल है, जो विस्फोटक और गोला-बारूद से संबंधित फैक्ट्रियों का वार्षिक सुरक्षा ऑडिट करता है. मंत्रालय ने ऐसे यूनिट्स में सुरक्षा पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए एक टास्क फोर्स भी गठित किया है."

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