अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय वाहन चोरी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में अब तक 57 लग्जरी और SUV गाड़ियां बरामद की गई हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 30.5 करोड़ रुपये है. ये गाड़ियां मुख्य रूप से दिल्ली-NCR, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य उत्तरी राज्यों से चुराई गई थीं.
ऐसे सामने आया मामला
ईटानगर पुलिस ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर 2 जुलाई 2025 से इस ऑपरेशन की शुरुआत की. ईटानगर पुलिस स्टेशन में स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर (मामला संख्या 102/25) दर्ज की गई और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत जांच शुरू हुई. इसके लिए एसपी जुम्मार बसार की देखरेख में एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई, जिसकी अगुवाई SDPO केंगो डिरची ने की. टीम में इंस्पेक्टर के. यांग्फो, सब-इंस्पेक्टर पी. पदम, एस. सैमुअल और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.
कहां-कहां से बरामद हुईं गाड़ियां?
जांच के दौरान ईटानगर कैपिटल रीजन के अलग-अलग हिस्सों से चोरी की गई गाड़ियां बरामद की गईं. सभी गाड़ियों की e-Sakshya पोर्टल के माध्यम से जांच की गई और पुष्टि हुई कि ये सभी वाहन चोरी या लूट से जुड़े केसों में ब्लैकलिस्टेड थीं.
बरामद गाड़ियों की लिस्ट
वाहन मॉडल बरामद संख्या
Hyundai Creta 27 गाड़ियां
Toyota Fortuner 09 गाड़ियां
Kia Seltos 05 गाड़ियां
Mahindra Thar 02 गाड़ियां
Ford Endeavour 01 गाड़ी
Audi 01 गाड़ी
Tata Safari 02 गाड़ियां
Tata Harrier 01 गाड़ी
Maruti Brezza 02 गाड़ियां
Kia Sonet 02 गाड़ियां
Toyota Innova 01 गाड़ी
Mahindra Scorpio 01 गाड़ी
Hyundai Venue 01 गाड़ी
Maruti Baleno 01 गाड़ी
कैसे काम करता था गिरोह?
यह गिरोह लग्जरी गाड़ियों को खासकर दिल्ली-NCR और आसपास के राज्यों से चुराता था. इसके बाद इन गाड़ियों की इंजन और चेसिस नंबर बदल दिए जाते थे. फर्जी दस्तावेज तैयार कर गाड़ियां अरुणाचल भेज दी जाती थीं, जहां इन्हें बाजार मूल्य से कम कीमत में बेचा जाता था.
जांच में इस बात के संकेत भी मिले हैं कि इस गिरोह के कुछ अंतरराष्ट्रीय लिंक भी हो सकते हैं. कुछ डिजिटल ट्रांजेक्शन और बैंकिंग डिटेल्स से पता चला है कि धन का कुछ हिस्सा विदेशों में भी ट्रांसफर किया गया हो सकता है. इसकी गहराई से जांच चल रही है.
गिरफ्तारियां और आगे की जांच
पुलिस ने अब तक इस गिरोह के 5 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है. पुलिस को उम्मीद है कि और भी चोरी की गाड़ियां जल्द ही बरामद हो सकती हैं.
पुलिस का कहना है कि कोई भी गाड़ी खरीदने से पहले VAHAN पोर्टल या संबंधित RTO से गाड़ी की पृष्ठभूमि जांचें. अधूरे या नकली दस्तावेजों वाली गाड़ी बिल्कुल न खरीदें. किसी संदिग्ध वाहन या विक्रेता की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.
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