दिव्यांग छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे लखनऊ के हाइजीया ग्रुप के संचालक अली अब्बास जाफरी, इजहार हुसैन जाफरी के बाद अब अन्य जिलों में इस घोटाले में शामिल कॉलेज प्रबंधको की गिरफ्तारी शुरू हो गई. इसी कड़ी में जांच के बाद एसआईटी ने हरदोई के दो इंटर कॉलेज के प्रबंधकों के समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. हरदोई के इन कॉलेज संचालकों ने 350 विद्यार्थियों की ढाई करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति को हड़पा है. अब तक की जांच के बाद इतना जरूर है कि इस पूरे मामले में कई बड़े अफसर भी अब जांच के दायरे में है.
अधिकारियों तक पहुंचेगी जांच की आंच
केंद्र की तरफ से दिव्यांग छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति हड़पने के घोटाले में अब जांच के दायरे में अधिकारी भी आएंगे. दरअसल किसी भी दिव्यांग छात्र के इंटर कॉलेज में प्रवेश मिलने के बाद उसके दिव्यांगता प्रमाण पत्र को शिक्षा विभाग और जिला समाज कल्याण अधिकारी के द्वारा सत्यापित किया जाता है, तभी केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाली छात्रवृत्ति उस छात्र के खाते में पहुंचाई जाती है. छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे हाईजिया ग्रुप के कॉलेज हो या हरदोई के इंटर कॉलेज, इन सभी की जांच में एसआईटी को सबूत मिले हैं कि दिव्यांग छात्रों के प्रमाण पत्र सत्यापन में बड़ी लापरवाही बरती गई है.
65 लाख रुपये की छात्रवृत्ति हड़पी
जांच कर रही है एसआईटी ने हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के दस्तावेजों को खंगालने के बाद ही हरदोई के दो कॉलेज जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज के प्रबंधक विवेक कुमार, कॉलेज के नोडल अफसर यशवंत कनौजिया और आरपी इंटर कॉलेज के प्रबंधक पूनम के भाई अभिनव कनौजिया को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है हाईजिया ग्रुप के साथ मिलकर जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज प्रबंधन ने करीब ढाई सौ छात्रों के नाम पर करीब 2 करोड़ और आरपी इंटर कॉलेज के प्रबंधन ने करीब 100 छात्रों के नाम पर 65 लाख रुपए की छात्रवृत्ति हड़पी है.
3000 बैंक खाते खोलकर किया घोटाला
एसआईटी की जांच से जुड़े अफसर का कहना है करीब 3000 बैंक खाता खोलकर छात्रवृत्ति घोटाला किया गया है. इसमें 10 संस्थान शामिल है जिसमें हाइजिया ग्रुप के पांच कॉलेज, एसएस इंस्टीट्यूट के साथ कन्नौज और फर्रुखाबाद के भी कॉलेज शामिल है. एसआईटी अब तक जांच में 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अभी कई कॉलेज के प्रबंधकों का गिरफ्तार होना बाकी है. इस घोटाले में जल्द कार्रवाई का दूसरा दौर शुरू होगा जिसमें सरकारी अफसर और बाबू भी होंगे जो इस घोटाले में शामिल थे.
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