तमिलनाडु: दलित महिला को पुजारियों के स्थान पर जाने से रोका, 20 के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज

जयशीला का आरोप है कि पुजारियों ने उसे धमकी दी और उस पर मंदिर के बर्तन चोरी करने का झूठा इल्जाम लगाया. महिला की शिकायत पर पुलिस ने 20 पुजारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

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जयशीला स्थानीय नटराजर मंदिर में पूजा करने पहुंची थीं. जयशीला स्थानीय नटराजर मंदिर में पूजा करने पहुंची थीं.

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 17 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST
  • मंदिर में मौजूद लोगों ने घटना का वीडियो बनाया
  • कुडलूर जिले के चिदंबरम शहर का मामला

तमिलनाडु में एक दलित महिला को मंदिर के विशेष स्थान पर खड़े होकर पूजा करने से रोकने का मामला सामने आया है. पुलिस इस मामले में मंदिर के 20 पुजारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. घटना तमिलनाडु के कुडलूर जिले के चिंदंबरम शहर के नटराजर मंदिर की है. 

पुलिस के मुताबिक 15 फरवरी को जयशीला नाम की दलित महिला स्थानीय नटराजर मंदिर में पूजा करने पहुंची. महिला मंदिर के विशेष स्थान कानागसाबाई मेदई में जाने की कोशिश करने लगी. लेकिन मंदिर में मौजूद 20 पुजारियों ने उसे कोरोना का हवाला देते हुए उस स्थान पर जाने से मना कर दिया. महिला के ना मानने पर पुजारियों ने उसे जबरन रोक दिया. जयशीला एक बार फिर वहां जाने के लिए सीढ़ी चढ़ने लगी. पुजारियों ने महिला पर चिल्लाना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर उसे वायरल कर दिया. वीडियो में दिखाई दिया कि पुजारी जयशीला को हाथ पकड़कर पीछे हटा रहे हैं. 

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हंगामा बढ़ने के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई. जयशीला ने पुजारियों के खिलाफ उसे धमकी देने और बर्तन चोरी का झूठा इल्जाम लगाने की शिकायत दर्ज कराई. जयशीला की शिकायत पर सभी 20 पुजारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. बता दें कि कानागसाबाई मेदई में इस समय सिर्फ पुजारियों को ही जाने की अनुमति है.

बता दें कि नटराजर मंदिर में इस तरह की यह दूसरी घटना है. इससे पहले गणेश नाम के एक शख्स को भी कनागसाबाई मंच से बाहर कर दिया गया था. गणेश मंदिर की पुजारी समिता का ही एक सदस्य था. उसे बिना अनुमति प्रवेस करने पर मंदिर प्रबंधन ने निलंबित भी कर दिया था. जयशीला के आए व्यक्ति ने कहा कि भक्तों को कनागसाबाई मंच से प्रार्थना करने देने की अनुमति ना देना गलत है. यह मंदिर के सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि चिदंबरम नटराजन मंदिर में इस तरह की अनियमितताएं पहले भी होती रही हैं. बता दें कि नटराजर मंदिर पहले तमिलनाडु सरकार के धार्मिक विभाग के जरिए संचालित किया जाता था. पुरानी अन्नाद्रमुक सरकार ने इसे विभाग से छीनकर पुजारियों के हवाले कर दिया था.

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