सरकार ने मराठा आरक्षण के संदर्भ में एक निर्णय लेकर शासनादेश (जीआर) जारी किया है. इस जीआर के खिलाफ ओबीसी समाज के सभी नेता और संगठनों ने बैठक की. ओबीसी समाज का कहना है कि मराठा समाज को ओबीसी में लाने के लिए पूरी शर्तें कमजोर की गई हैं. इससे पूरे महाराष्ट्र के मराठा समाज को ओबीसी के तहत लाने का रास्ता साफ हो गया है.