चांदी की प्लेट और 4500 का खाना! महाराष्ट्र में एक सरकारी दावत पर उठे सवाल, विपक्ष ने लगाए आरोप

सोशल एक्टिविस्ट विजय कुंभार ने एक पोस्ट में आरोप लगाया है कि यह समिति जो सादगी और फिजूलखर्ची पर रोक की बात करती है, उसने ही 27 लाख रुपये सिर्फ खाने पर खर्च कर दिए. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'मुंबई के विधान भवन में पूरे देश से आए बजट समिति के सदस्यों के लिए राजसी दावत का आयोजन किया गया, जिसकी प्रति व्यक्ति लागत 4,500 रुपये थी. इस दावत में खाना चांदी की प्लेट्स में परोसा गया, जिनका प्रति प्लेट रेट 550 रुपये बताया गया. करीब 600 मेहमानों के लिए कुल खर्च 27 लाख रुपये बैठा.'

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महाराष्ट्र में एक सरकारी दावत पर विवाद महाराष्ट्र में एक सरकारी दावत पर विवाद

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:57 PM IST

मुंबई स्थित विधान भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को संसद की अनुमान समिति (Estimates Committee) की हीरक जयंती (75वीं वर्षगांठ) के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. हालांकि, यह आयोजन अब विवादों में घिर गया है, खासतौर पर मेहमानों के खाने पर खर्च को लेकर.

सोशल एक्टिविस्ट विजय कुंभार ने एक पोस्ट में आरोप लगाया है कि यह समिति जो सादगी और फिजूलखर्ची पर रोक की बात करती है, उसने ही 27 लाख रुपये सिर्फ खाने पर खर्च कर दिए. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'मुंबई के विधान भवन में पूरे देश से आए बजट समिति के सदस्यों के लिए राजसी दावत का आयोजन किया गया, जिसकी प्रति व्यक्ति लागत 4,500 रुपये थी. इस दावत में खाना चांदी की प्लेट्स में परोसा गया, जिनका प्रति प्लेट रेट 550 रुपये बताया गया. करीब 600 मेहमानों के लिए कुल खर्च 27 लाख रुपये बैठा. यह वही समिति है जो सादगी का पाठ पढ़ाती है, लेकिन खुद जनता के पैसों की बर्बादी में डूबी रही.'

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'टैक्सपेयर्स के पैसों की बेतहाशा बर्बादी'

उन्होंने आगे कहा, 'यह सम्मेलन राजसी दिखावे का प्रतीक बन गया. मंगलवार को सदस्यों को चांदी की थालियों में खाना परोसा गया, जो उनके बजट में संयम की जिम्मेदारी का मजाक उड़ाता है. 40 फीट लंबे बैनर, ताज पैलेस और ट्राइडेंट में स्टे, एसी डाइनिंग टेंट, झूमर और रेड कार्पेट- यह सब टैक्सपेयर्स के पैसों की बेतहाशा बर्बादी है. क्या इस समिति को वाकई सादगी का मतलब समझ आता है? जनता जवाब मांग रही है.'

हालांकि सूत्रों ने बताया है कि मेहमानों को चांदी की थाली नहीं, बल्कि चांदी की कोटिंग वाली थालियों में खाना परोसा गया था और प्रति व्यक्ति खाने की लागत 4,000 रुपये नहीं बल्कि उससे कम थी. राज्य विधानमंडल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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विपक्ष ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने सवाल उठाते हुए कहा, 'अनुमान समिति निगरानी का काम करती है. एक भी रुपया समिति की मंजूरी के बिना खर्च नहीं हो सकता. फिर यह खर्च क्यों और कैसे हुआ? राज्य पर साढ़े नौ लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, ऐसे में यह समिति खुद संदेह के घेरे में आ गई है. उम्मीद है कि समिति अब और मजबूती से सरकार पर निगरानी रखेगी.'

'ये दावत आम जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी'

कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने बोला, 'जब किसान भूख से आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, योजनाएं रुकी पड़ी हैं और राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहा है, तब शासक चांदी की थालियों में पांच-पांच हजार रुपये का खाना खा रहे हैं. यह गरीबी और आम जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. जो लोग खुद चांदी की थाली पर बैठकर खाना खा रहे हैं, वे भूख का दर्द क्या समझेंगे?'

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