शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू नहीं हुई है, और उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्षी गठबंधन में सभी समान हितधारक हैं. पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि एमवीए ने एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ा और दुनिया को दिखाया कि कैसे महाराष्ट्र ने भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल करने से रोका.
एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं. गठबंधन ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल की.
पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "सीट बंटवारे पर बातचीत अभी तक शुरू नहीं हुई है - न तो एनसीपी (एसपी) और न ही कांग्रेस के साथ. इसलिए यह सवाल ही नहीं उठता कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. सभी समान हितधारक हैं."
राउत ने कहा, "महाराष्ट्र में 288 (विधानसभा) सीटें हैं. किसी के लिए सीटों की कमी नहीं होगी. हर कोई आराम से चुनाव लड़ेगा." उनकी टिप्पणी एनसीपी (सपा) पार्टी के एक नेता द्वारा पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के हवाले से कही गई उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान एमवीए सहयोगियों की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हुई थी, लेकिन विधानसभा चुनावों में स्थिति अलग होगी.
राउत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एनसीपी (शरद पवार) का स्ट्राइक रेट सबसे अधिक था क्योंकि उसने जिन 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से आठ पर जीत हासिल की थी. शिवसेना (यूबीटी) ने 21 में से नौ सीटें जीतीं, लेकिन विपक्ष द्वारा उसे सबसे अधिक निशाना बनाया गया, उन्होंने दावा किया.
उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने मामूली अंतर से दो-तीन सीटें खो दीं, अन्यथा उसका स्ट्राइक रेट भी बेहतर होता.
तीन एमवीए दलों में से, एनसीपी (सपा) का स्ट्राइक रेट 80 प्रतिशत था, कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 75 प्रतिशत था, जबकि सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना (यूबीटी) का स्ट्राइक रेट सिर्फ 41 प्रतिशत था.
aajtak.in